बंद होने की कगार पर अधिकांश बारात घर, नए नियमों के अनुसार चंद ही हो सकेंगे संचालित

रीवा | राज्य सरकार ने मैरिज गार्डेन को लेकर नई गाइड लाइन जारी कर दी है। ऐसे में जिले के अधिकांश मैरिज गार्डेन बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। गौरतलब है कि न सिर्फ शहर बल्कि पूरे जिले में जिन लोगों के पास खाली जमीन पड़ी है उन्होंने उसका इस्तेमाल बतौर मैरिज गार्डेन की तरह करना शुरू कर दिया है। जिन पर ताला लगाने की बजाय नगर निगम के अधिकारी वसूली का काम करते हैं। यही वजह है कि जब भी सड़क किनारे किसी मैरिज गार्डेन पर कोई कार्यक्रम होता है तो जाम की समस्या निर्मित होती है। इतना ही नहीं नगर पालिका के नियमों की अवहेलना कर रहे मैरिज गार्डेनों पर अधिकारियों का आशीर्वाद बना रहता है। यही वजह है कि अब तक मैरिज गार्डेन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी। देखा जाए तो राज्य सरकार ने जो नए नियम लागू किए हैं अगर उनका सही ढंग से जिले में पालन होता है तो अधिकांश मैरिज गार्डेन में ताला लग जाएगा।

रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य
जिले में ऐसे कई मैरिज गार्डेन हैं जो किसी किराए की जमीन में या घर में यहां तक कि सड़क और खेतों में संचालित हो रहे हैं और उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी नहीं समझा है। मगर अब मैरिज गार्डेन के संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं मैरिज गार्डेन की बिल्डिंग का निर्माण नेशनल भवन की गाइड लाइन के मुताबिक करना होगा। साथ ही गार्डेन में फायर सेफ्टी की व्यवस्था होनी चाहिए।

12 मीटर चौड़ी सड़क होना जरूरी
सबसे अहम बदलाव यह हुआ है कि जिस जगह पर मैरिज गार्डेन का निर्माण होगा उसके सामने की सड़क कम से कम 12 मीटर चौड़ी होना जरूरी होगा। गौरतलब है कि शहर के अंदर गली-कूचों में मैरिज गार्डेन खुले हुए हैं। जो नए नियम के बाद बंद होने की कगार पर आ जाएंगे। गार्डेन में दो गेट लगाना अनिवार्य होगा। शहर के भीतर फोर्ट रोड में नंदकिशोर के अलावा एसके स्कूल के बगल में दो मैरिज गार्डेन संचालित हैं। वहीं रानीतालाब में भी ऐसे दो मैरिज गार्डेन हैं जहां न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही उनमें दो दरवाजे लगे हुए हैं। वहीं बिछिया में भी रायल कैसल के अलावा एक और मैरिज गार्डेन है जो मापदण्ड का पालन नहीं करते हैं। वहीं कई ऐसे मैरिज गार्डेन हैं जो ठीक सड़क से लगे हुए हैं जहां कार्यक्रम होने के कारण आवाजाही प्रभावित हो जाती है।

25 प्रतिशत हिस्सा पार्किंग के लिए होगा
नए नियमों के अनुसार मैरिज गार्डेन के कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा सिर्फ वाहनों की पार्किंग के लिए आरक्षित करना होगा। ऐसे कई मैरिज गार्डेन संचालित हैं जहां दोपहिया वाहन खड़े करने की जगह नहीं है। वहीं मैरिज गार्डेन संचालकों को आतिशबाजी के लिए अलग से जगह का निर्धारण करना पड़ेगा। इतना ही नहीं मैरिज गार्डेन का निर्माण अस्पतालों और नाइट क्लासेस चलाने वाली कोचिंग सेंटर और शैक्षणिक संस्थानों से 100 मीटर दूर पर बनाना होगा। बताया गया है कि जो संचालक इन नियमों का पालन नहीं करेगा उन पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।