डेढ़ सौ से अधिक अतिथि विद्वानों की हो सकती है कॉलेजों में वापसी

रीवा | पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा में पास हुए सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के बाद संभाग के 5सौ से अधिक अतिथि विद्वान फालेन आउट हो गए। एक साल के अंतराल में ढाई सौ से अधिक अतिथि विद्वानों को वापस से नियुक्ति तो मिल गई मगर अभी भी लम्बे वक्त से रीवा संभाग के दो सौ से भी ज्यादा अतिथि विद्वान फालेन आउट हैं। रीवा जिले के डेढ़ सौ अतिथि विद्वान बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। हालांकि एक बार फिर अतिथि विद्वानों के कॉलेजों में वापसी की उम्मीद उठी है। सूत्रों से पता चला है कि लगभग एक साल से वित्त विभाग में पृष्ठांकन के लिए पड़ी 450 पदों की फाइल सीएम हाउस तक पहुंच गई है। जिसका अप्रूवल होते ही रीवा संभाग में लगभग 150 पदों में अतिथि विद्वानों की भर्ती हो सकती है।

पिछले 15-20 साल से कॉलेजों में अपनी सेवाएं दे रहे अतिथि विद्वानों को एक झटके में कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखा गया। सरकार ने उन्हें नियमितीकरण की उम्मीद दिखाई मगर उनकी भर्ती तक नहीं की गई। यहां तक कि वापस से अतिथि विद्वान भी नहीं बनाया गया है। ऐसे में संभाग के कई अतिथि विद्वानों ने आत्महत्या तक कर ली है। तो कई लोगों के घर में दो वक्त का खाना बनना मुश्किल हो गया है। एक साल से बेरोजगार अतिथि विद्वान भारी तनाव में हैं और मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं। ये वही अतिथि विद्वान हें जिन्होंने स्वीकृत पद के विरुद्ध रहकर दो सौ से तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मिलता था। वह अब पिछले एक साल से नौकरी से बाहर हैं।

संभाग में खाली हो सकते हैं सौ से डेढ़ सौ पद
वर्तमान में रीवा संभाग के अंदर 50 पद रिक्त हैं जिनमें फालेन आउट अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की जा सकती है। इसके अलावा कैबिनेट से साढ़े 4सौ पदों की मंजूरी के बाद भी वित्त विभाग में पृष्ठांकन हो चुका है। अगर उन पदों को संभाग में जोड़ा जाए तो करीब सौ से डेढ़ सौ पद और तैयार हो सकते हैं। ऐसे में रीवा संभाग के फालेन आउट अतिथि विद्वानों को वापस से रोजगार मिल सकता है। 

कैबिनेट और वित्त विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। फाइल सीएम हाउस तक पहुंच गई है। उनसे मिलने के लिए आवेदन किया गया था जिसे अब तक एप्रूव नहीं किया गया है।  संभाग के 150 से अधिक अतिथि विद्वान एक साल से बेरोजगार हैं। अगर शासन की ओर से 450 पदों के लिए भर्ती की जाती है तो यह अतिथि विद्वानों के लिए खुशी की बात होगी।
डॉ. आशीष पाण्डेय, प्रदेश मीडिया प्रभारी