शनिवार को मिले कोरोना के पंद्रह नए मरीज
सतना | जिले में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण और बीमारी की रोकथाम एवं बचाव के बीच शनिवार को जिले में 15 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को जिले में कोरोना वायरस के 15 नये मरीज मिले हैं जिन्हें क्वारंटीन कराया गया है। 8 मरीज स्वस्थ्य भी हुये है। अब तक कुल 3648 पॉजीटिव मरीज पाये गये हैं, जबकि अब तक 3555 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं, एक्टिव केस की संख्या फिलहाल 51 है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के फीवर क्लीनिक में शनिवार को कुल 52 जाचें हुर्इं जिनमें से 42 निगेटिव व 10 संक्रमित मिले हैं। इसी प्रकार शनिवार को आरटी पीसीआर में 30 व एंटीजन की 6 जाचें हुई जो निगेटिव पाई गई हैं।
2572 को लगे टीके
इसी प्रकार कोविड-19 के टीकाकरण अभियान में शनिवार को सतना शहरी क्षेत्र में 577, मैहर में 367, अमरपाटन में 90, उचेहरा में 88, सोहावल में 324, मझगवां में 301, रामपुर बघेलान में 168, रामनगर में 143, नागौद में 514 कुल 2572 व्यक्तियों को टीके का प्रथम डोज लगाया गया एवं 170 व्यक्तियों को टीके का द्वितीय डोज लगाया गया। Ñ
वीआईपी रूम में एसी की हवा खाती रही कोविड स्क्रीनिंग टीम
कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। सरकार संक्रमण रोकने कई उपाय कर रही है , लेकिन सतना जिले में तो जिम्मेदारों ने हद ही कर दी है। खानापूर्ति के खूब नियम बनाए पर धरातल पर कितना इसका पालन हो रहा है इसका नमूना देखना हो तो रेलवे स्टेशन पहुंचिए जहां आदेश जारी होने के तीसरे दिन शनिवार को भी स्क्रीनिंग शुरु नहीं हुई। जांच के लिए स्टाफ स्टेशन पर पहुंचा लेकिन पूरा दिन स्क्र ीनिंग स्टाफ रेलवे के वीआईपी रूम में एसी की हवा खाता रहा । उल्लेखनीय है कि कोविड -19 संक्र मण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आपदा प्रबंधन समिति द्वारा 22 मार्च के लिए गए निर्णय के अनुसार स्थानीय प्रशासन द्वारा सतना स्टेशन में आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए दो शिफ्ट में जांच करने के लिए टीम बनाई गई थी लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू नहीं हुई।
टीम ने कहा खुले में नहीं ले सकते सैम्पलिंग
इस संबंध में जब जांच दल से बात की गई तो कहा गया कि निर्देशानुसार प्रतिदिन प्रत्येक टीम को 15-20 रैंडम सैम्पलिंग करनी है जिसके लिए एक बंद कमरा चाहिए जिससे सामान रखने के साथ-साथ दूसरे लोगों को इंफेक्शन से बचाया जा सके ,जो रेलवे ने उपलब्ध नहीं कराया है। जबकि रेलवे अधिकारियों का कहना था कि हमने अपना सफाई रूम खाली करा दिया था। टीम खाली हाथ स्टेशन आई थी।
स्क्रीनिंग तो की जा सकती थी लेकिन सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक स्वास्थ्य विभाग की टीम केवल हाथ पर हांथ रखे बैठी रही। इसमें तीन स्टाफ में से दो ही पहुंचा था, वहीं दूसरे शिफ्ट वाले स्टाफ में केवल एक व्यक्ति ही प्लेटफार्म में दिखा जिसने गिनती के यात्रियों की स्क्रीनिंग की। इससे स्पष्ट है कि जनहित के एक बड़े अभियान को लेकर रेलवे और स्वास्थ्य विभाग के बीच आपस में सामंजस्य नहीं है या फिर स्क्रीनिंग टीम स्टेशन में टाइम पास के लिए पहुंची थी । दो शिफ्टों में स्क्रीनिंग तो तय है लेकिन रात में आने वाली यात्री टेÑनों के यात्रियों की जांच किसके जिम्मे रहेगी। यह तय नहीं है।
ऐसे में तो अपना सतना भी बन जाएगा हॉट स्पॉट
देश में महाराष्टÑ, दिल्ली जैसे राज्यों में जहां कोरोना कहर बरपा रहा है वहीं प्रदेश में भोपाल, इंदौर सहित अन्य जिलों में भी संक्रमण ने अपने पैर तेजी से पसारे हैं। जानकार यह सवाल उठाते हैं कि जिस तरह से लापरवाही बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग न करते हुए बरती जा रही है ऐसे में तो अपना सतना भी हॉट स्पाट बन जाएगा।
बिना मास्क के आ-जा रहे यात्री
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर बिना मास्क के सफर करने वाले यात्रियों को जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं लेकिन स्टेशन में कई बार यात्री बिना मास्क के आते- जाते देखे जाते हैं। इस पर न कोई रोकने टोकने वाला रहता है और न ही कोई जुर्माना लगाने वाला।
मैहर में टीम का अता- पता नहीं
सतना स्टेशन में भले ही स्क्रीनिंग न हो पा रही हो लेकिन इसके लिए व रेंडम सेम्पलिंग के लिए टीम तो बनी है लेकिन मैहर स्टेशन में यात्रियों की स्क्रीनिंग होगी या नहीं यह भी भगवान भरोसे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मैहर स्टेशन में स्वास्थ्य विभाग की अभी तक टीम गठित करने के लिए कोई रेलवे से पत्राचार तक नही हुए हैं, जबकि जिले में मैहर कोविड का हाट स्पाट भी बन चुका है।