सभी 25 आरोपियों की संपत्ति राजसात करने की तैयारी में EoW
भोपाल। हरदा में 12 साल पहले सहकारी समितियों में हुए करोड़ों के घोटाले में अब ईओडब्ल्यू एक्शन में आ गई है। शासन से इस मामले में अनुमति मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने सभी 25 आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया है। अब इसी महीने सभी आरोपियों के खिलाफ जिला कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने कैमरे में न आने की शर्त पर बताया कि सभी आरोपियों से घोटाले की राशि वसूलने के लिए उनकी संपत्ति भी राजसात की जाएगी। शासन ने इस संबंध में ईओडब्ल्यू को हरी झंडी भी दे दी है। 18 सोसाटियों में फर्जी किसान दर्शाकर 2008 में केंद्र सरकार की केंद्रीय ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 के तहत 24 करोड़ रुपए का क्लेम लेकर घोटाला किया था, इसमें सोसायटी से जुड़े जिम्मेदार पदाधिकारियों और बैंक के अफसरों पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
ऐसे हुआ घोटालों का खुलासा
18 सोसायटियों ने ऋण माफी एवं राहत योजना के तहत क्लेम की राशि हासिल करने के लिए फर्जी किसान बताए। इन सोसायटियों ने सबसे पहले योजना के तहत 62 करोड़ रुपया क्लेम किया। जब इस क्लेम की जांच नाबार्ड ने की तो गड़बड़ी की आशंका के चलते तत्कालीन सीईओ आरके दुबे ने जांच कर 5 करोड़ की गड़बड़ी का खुलासा किया। इस क्लेम को बाद में 49 करोड़ रुपए किया गया। जब इसकी दोबारा जांच हुई, तो 11 करोड़ की गड़बड़ी फिर सामने आई।
इसमें तत्कालीन बैंक अधिकारियों और 18 सोसायटियों के जिम्मेदारों ने फर्जी किसानों के नाम पर एक के बाद एक कर 8, 5 और 11 करोड़ निकाल लिए। 2008 में हुए इस घोटाले की शिकायत होने पर ईओडब्ल्यू ने कुल 24 करोड़ के भ्रष्टाचार में 25 लोगों को आरोपी बनाया।
आरोपियों को भोपाल किया तलब
एफआईआर दर्ज करने के बाद ईओडब्ल्यू 2008 से जांच कर रही थी हालांकि शासन से चार्जशीट की अनुमति नहीं मिलने की वजह से मामला आगे नहीं बढ़ सका। अब शासन ने इस केस की अनुशंसा की है। इसी अनुशंसा के बाद अब ईओडब्ल्यू ने जांच को तेज करते हुए सभी 25 आरोपियों को भोपाल स्थित आॅफिस बुलाया था। ईओडब्ल्यू इसी महीने मामले में चार्जशीट पेश कर आरोपियों की संपत्ति राजसात करेगी।