चौखड़ा पंचायत: सरपंच-सचिव से नहीं हुई 14 लाख की वसूली
रीवा | जिले के जनपद पंचायत त्योंथर की ग्राम पंचायत चौखड़ा में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद पंचायत के विकास कार्यों की जांच में सरपंच-सचिव पर 14 लाख रुपए की वसूली अधिरोपित की गई थी। दो वर्ष पूर्व की गई जांच के बाद अब तक सरपंच-सचिव से वसूली न किया जाना वरिष्ठ अधिकारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े द्वारा पंचायतों में की गई अनियमितता पर जांच के बाद लगातार बड़ी कार्रवाई की गई है। लिहाजा जनपद पंचायत त्योंथर के ग्राम पंचायत चौखड़ा में अब तक न की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि मातहत कर्मचारियों ने इस जांच प्रतिवेदन को दबा दिया है।
माना यह जा रहा है कि चौखड़ा ग्राम पंचायत का जो जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत भेजा गया है, उसे अभी तक अधिकारी के सामने प्रस्तुत ही नहीं किया गया है। यही वजह है कि अब तक सरपंच-सचिव से वसूली नहीं हो पाई है। गौर करने वाली बात यह है कि ग्राम पंचायत चौखड़ा में की गई अनियमितता के मामले में तत्कालीन सचिव का वित्तीय अधिकार समाप्त कर दिया गया था। लेकिन चोरी छिपे उन्हें उसी वित्तीय अधिकार को फिर से दे दिया गया। यही वजह है कि सचिव, सरपंच से 14 लाख की वसूली नहीं हो पाई है।
फर्जी ट्रेडर्स चलाता है सरपंच का बेटा
ग्राम पंचायत चौखड़ा की सरपंच का बेटा फर्जी फर्म का संचालन करता है। जिसकी शिकायत जयप्रकाश सिंह अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा भाजपा मण्डल गढ़ी द्वारा की जा चुकी है। बताया गया है कि गायत्री देवी ट्रेडर्स से लाखों रुपए की हेराफेरी कर जीएसटी की चोरी की गई है। गायत्री देवी कांस्ट्रक्शन कंपनी एवं गायत्री देवी ट्रेडर्स दोनों फर्मों को फर्जी बताया गया है। दोनों फर्मों का प्रोप्राइटर सरपंच का बेटा प्रसन्न सिंह है।
इन कार्यों में हुई अनियमितता की शिकायत
1. ग्राम पंचायत चौखड़ा की सरपंच एवं सचिव द्वारा वर्ष 2017-18, 2018-19 में तकरीबन 14 लाख की शासकीय धनराशि का खयानत किया गया था। जिसकी जांच के बाद प्रतिवेदन जिला पंचायत रीवा के एपीओ को भेजी गई।
2. तत्कालीन पंचायत सचिव संतोष सिंह का वित्तीय अधिकार समाप्त कर देने के बाद 20 दिन पूर्व उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया। जबकि उक्त सचिव के विरुद्ध कलैक्टर न्यायालय में सरकारी राशि के खयानत का मामला विचाराधीन है।
3. ग्राम पंचायत चौखड़ा में 6 वर्ष पूर्व निर्मित पानी की टंकी डिस्मेंटल घोषित कर दी गई है। आज तक पानी की सप्लाई नहीं हुई फिर भी सरपंच द्वारा मरम्मत के नाम पर राशि आहरित की गई है।
4. विधायक निधि से हैण्डपम्पों के उत्खनन का कार्य किया गया था। जबकि दो हैण्डपम्प महारानी दाई के चौरा एवं राम-जानकी मंदिर चौखड़ा में ग्रामीणों द्वारा धन संग्रह कर उत्खनन कराया गया था। सरपंच-सचिव ने फर्जी मूल्यांकन कराकर उस हैण्डपम्प की भी राशि आहरित की है। इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री हेल्प लाइन में की गई है।