अबेर समिति ने 29 को बांटी थोक में यूरिया

सतना | अगस्त से अक्टूबर तक की तिमाही का मामला अभी निपटा नहीं था कि नवंबर माह के 20 बायर की सूची ने फिर हड़कंप मचा दिया है। चौकाने वाली बात यह है कि इस बार किसानों को थोक में यूरिया बिक्री करने में निजी क्षेत्र का कोई भी विक्रेता नहीं है। सारे मामले सहकारी क्षेत्र के हैं। खासकर रामपुर बाघेलान ब्लाक की अबेर समिति ने तो 29 किसानों को सभी नियमों को शिथिल करते हुए थोक में यूरिया बांटी है। यही नहीं जिले के आठ ब्लाकों में सिर्फ सोहावल, रामपुर बाघेलान और मैहर के किसानों ने ही इस बार 20 वायर में अपना स्थान बनाया है।

मनमानी पर उतारू समितियां
पिछले दिन सतना पहुंची 20 बायर की सूची में रामपुर बाघेलान की अबेर तथा कोटर सहकारी समिति चर्चाओं में हैं। अकेले अबेर समिति ने 29 किसानों को थोक में यूरिया दे दी। जबकि कोटर समिति का सिर्फ एक मामला है। इसके अलावा सोहावल ब्लाक में कुआं समिति ने भी 5 किसानों को अधिक मात्रा में खाद बेंची है। एक मामला मैहर की पकरिया समिति का है जिसमें एक किसान का नाम है। एक खास बात यह है कि इस बार 3 किसान मार्कफेड के सिविल लाइन स्थित नगद बिक्री केन्द्र से यूरिया की भारी मात्रा ले जाने में चिन्हित हुए हैं।

इनमें टैम्पो चालक उचेहरा के अमजरी निवासी नागेन्द्र सिंह बागरी को 89 तो राजेश्वरी द्विवेदी नामक कथित किसान भी 81 बोरी ले गया है। एक अन्य किसान पवन गुप्ता को तो 145 बोरी यूरिया दे दी गई है। अधिकारी इसकी तलाश में हैं ताकि यह जान सकें कि आखिर उसको इतनी खाद कैसे मिल गई। यहां उल्लेखनीय है कि नगद बिक्री केन्द्रों से किसानों को घंटो लाइन में खड़े रहने के बाद आधार और जमीन के कागजात देखने के बाद ही यूरिया दी जा रही है।

इन पर किसी का दबाव नहीं
सूत्रों की माने तो जिले की सहकारी समितियां इन दिनों मनमानी पर उतारू हैं। सही तो यह है कि जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक का भी उन पर जोर नहीं है। जिस प्रकार से श्री रैकवार लगातार समितियों को निर्देश दे रहे हैं और पालन नहीं हो रहा उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि उनकी कहीं नहीं चल रही। और इस न चलने के पीछे भी कई राज छुपे हो सकते हैं।

खाद कम्पनियों के जिले में बैठे प्रतिनिधि और कृषि विभाग के अधिकारी भी लगातार समितियों को पीओएस मशीनों से स्टाक घटाने को कह रहे हैं पर हर जगह स्टाक में यूरिया दिख रही है। स्टाक न घटने से जिले में कबी भी यूरिया की आपूर्ति थम सकती है। सूत्रों का कहना है कि समितियों द्वारा पीओएस मशीन के स्थान पर आफलाइन खाद बिक्री की गई है और अब स्टाक घटाने में उन्हें पसीने छूट रहे हैं।

इस बार नवंबर माह की आई 20 वायर की सूची में निजी बिक्रेताओं के नहीं बल्कि सारे मामले सहकारी क्षेत्र के हैं। इनमें अबेर, कोटर, कुआं, पकरिया तथा डीएमओ के तीन मामले हैं। किसानों का सत्यापन जारी है। 
बहोरीलाल कुरील, डीडीए सतना