दमोह के अलावा प्रदेश में आज शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन

भोपाल | मध्य प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो चुका है। पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 4324 केस मिले हैं। 27 मरीजों की मौत हुई है। 6 महीने में यह एक दिन में मौतों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 9 अक्टूबर 2020 को 27 मौतें दर्ज की गई थीं। एक्टिव केस भी 28 हजार के पार पहुंए गए हैं। कोरोना की पहली लहर में एक्टिव केस 21 हजार के पार नहीं हो पाए थे। एक सप्ताह में 2.5% की वृद्धि के साथ पॉजिटिविटी रेट 7 अप्रैल को 13% हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे उपाय अंतिम विकल्प हैं। यह अभूतपूर्व संकट है। 

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए दमोह को छोड़कर प्रदेश के सभी शहरों में शुक्रवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन लगेगा। रतलाम में आज शाम से  9 दिन, कटनी में भी 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। इस बीच भोपाल के कोलार-शाहपुरा क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 9 अप्रैल शाम 6 बजे से 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। सभी जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप को बैठक कर अपने जिलों के पेशेंट लोड और परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यक और उपयुक्त निर्णय करने के लिए तत्काल बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। लेकिन दमोह जिला एक ऐसा शहर है जहां इस आदेश के लिए छूट दी गई है। शहर में लॉकडाउन होगा या नहीं वहां इसका फैसला जिला निर्वाचन अधिकारी लेंगे। भोपाल में महीने भर का सामान खरीदने दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

बड़े शहरों में कंटेनमेंट जोन बनेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आवश्यक होने पर बड़े शहरों में कंटेनमेंट एरिया भी बनाए जाएंगे। प्रदेश के 52 में से सिर्फ 9 जिले श्योपुर, अलीराजपुर, भिंड, छतरपुर, बुरहानपुर, दतिया, मुरैना, निवाड़ी और सीधी में 20 से कम पॉजिटिव केस है। शेष जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

अप्रैल माह के आंकड़े देखे तो एक सप्ताह में 24,281 कोरोना संक्रमित मिले। इस अवधि में 115 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हुई। सरकार ने तय किया है कि अब कोरोना मरीजों के लिए 1 लाख बेड की व्यवस्था की जाएगी। इसमें से अधिकतर कोविड केयर सेंटर में होंगे आक्सीजन की सप्लाई का कोई संकट नहीं है। भिलाई स्टील प्लांट से आॅक्सीजन मिलना शुरू हो जाएगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से चर्चा हुई है। दवाओं की कमी ना रहे, इसका प्रबंध किया जा रहा है।

इंदौर के एमवायएच माच्युर्री के बाहर लग रही शवों की कतारें
इंदौर सुपर स्पेशलिटी, एमटीएच व एमआरटीबी अस्पताल में कोविड के इलाज के लिए भर्ती मरीजों में हर रोज दर्जनों मरीजों की मौत हो रही है। इन अस्पतालों में बुधवार सुबह सात बजे से गुरुवार सुबह सात बजे तक करीब 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से एमटीएच से 15 शव, सुपर स्पेशलिटी से सात शव व एमआरटीबी से दो शव गुरुवार सुबह तक एमवायएच की माच्युर्री में पहुंचे। ज्यादा संख्या में एमवायएच की माच्युर्री में शव पहुंचने के कारण माच्युर्री के बाहर शवों की कतारे लग रही है।

रेलवे ने शुरू किया आइसोलेशन कोचों की मरम्मत का काम
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। इसी बीच पश्चिम-मध्य रेलवे ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान बनाए 133 आइसोलेशन कोचों की फिर से साफ-सफाई, मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। इनमें 931 बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें से 50 कोच भोपाल मंडल के पास हैं। एक कोच में औसतन सात संक्रमितों को भर्ती कर सकते हैं। 

उज्जैन में अपर कलेक्टर को मारने दौड़े

उज्जैन में बुधवार रात माधव नगर अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी के चलते 5 मरीजों ने दम तोड़ दिया। मरने वालों में भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेंद्र शेरे भी थे। इससे गुस्साए समर्थकों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। कार्यकर्ताओं ने पुलिस से भी धक्का-मुक्की की। साथ ही, अस्पताल के प्रभारी और विकास प्राधिकरण के सीईओ सुजान सिंह रावत को भी मारने के लिए पहुंचे। उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने लात मारकर दरवाजा तोड़कर अधिकारी के साथ मारपीट करनी चाही। अस्पताल प्रभारी सुजान सिंह रावत का कहना है, जिन मरीजों की मौत हुई है, उन सभी को लंग्स में इंफेक्शन था। आॅक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई।

9वीं-11वीं के मेन और 10वीं-12वीं प्री-बोर्ड एग्जाम ओपन बुक सिस्टम से ही होंगे

मप्र सरकार ने तय किया है, सरकारी स्कूलों में 9वीं-11वीं का मेन व 10वीं-12वीं प्री बोर्ड एग्जाम ओपन बुक सिस्टम से होंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने गुरुवार देर शाम दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश में कहा गया है, स्टूडेंट्स को प्रश्न प्रत्र स्कूल से ही वितरित किए जाएंगे। प्राचार्यों से कहा गया हे कि लॉकडाउन की स्थानीय परिस्थितियों को देखकर 9वीं व 11वीं की वार्षिक और प्री-बोर्ड परीक्षाएं कराएं। 12 अप्रैल या जिले में जिस दिन भी लॉकडाउन खुले, उस दिन अपने जिले की स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार सभी प्रश्नपत्र व आंसर शीट एक साथ दे दी जाए। स्कूल से प्रश्न पत्र वितरित करने का समय सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक रहेगा।