पत्नी के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने पर साले को बुलाकर किया था अटैक
सतना | पत्नी के साथ आशीष को देखकर बबलू भड़क गया, साले छोटू को बुलाकर आशीष के ऊपर डंडे से हमला कर दिया। सिर पर डंडा लगते ही आशीष पत्थर पर गिर पड़ा। आवास सुनकर छोटू के दो दोस्त आ गए। चारों ने लात-घूंसे से आशीष की बेरहमी पूर्वक पिटाई की। मौत होने पर छोटू के दोस्तों ने लाश को घसीटकर बाउण्ड्री के पीछे फेंक दिया। गुरुवार को कोलगवां पुलिस के द्वारा चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
कोलगवां पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आशीष बुधवार को गांव से आया, 6 बजे के करीब कमरा पहुंचा तब वह नशे की हालत में था। आधा घंटे बाद आशीष कमरे से निकला, ठेके में जाकर शराब पी। रात आठ बजे के करीब आशीष शराब पीकर पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड स्थित श्याम किशोर कुशवाहा की पान की दुकान पर पहुंचा। अत्याधिक शराब का सेवन किए होने की वजह से आशीष नशे की वजह से दुकान के पास गिर पड़ा।
मकान मालिक मिठाईलाल और बृजेश के द्वारा आशीष को उठाकर घर चलने के लिए कहा गया लेकिन वह घर नहीं गया। सूत्रों ने बताया कि नशा कम होने पर आशीष अपने कमरे न जाकर बबलू के घर के पास पहुंचा। इन्हीं सूत्रों का कहना है कि रात करीबन साढ़े 11 बजे के करीब बबलू की पत्नी घर के नजदीक आशीष से बातें कर रही थी। इधर नींद खुलने पर बबलू कमरे से बाहर आया तो उसकी नजर आशीष और अपनी पत्नी पर पड़ी। दोनों को साथ देखकर बबलू भड़क उठा। सूत्रों ने बताया कि बबलू ने डंडे से पत्नी की जमकर पिटाई की। पत्नी को पीटने के बाद बबलू ने पड़ोस में रहने वाले अपने साले छोटू को बुलाया।
जीजा-साले ने मिलकर किया हमला
बहनोई बबलू कोल के बुलावे पर छोटू कोल उसके घर पहुंचा। बबलू ने उसे उसकी बहन और आशीष की करतूत की जानकारी दी। छोटू भी बबलू से पहले से खार खाए बैठा था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बहनोई से डंडा लेकर छोटू ने आशीष के सिर पर हमला कर दिया। डंडे के दो वार लगते ही आशीष अचेत होकर पत्थर पर गिर पड़ा। सिर में चोट होने के कारण खून बहने लगा आवास सुनकर छोटू के दोस्त राजेश और अन्नू भी आ गए। चारों ने लात घूसों से आशीष को पीटा।
जेल भेजे गए चारों आरोपी
आशीष की हत्या कर लाश को बाउण्ड्री के पीछे फेंकने वाले मुख्य आरोपी छोटू कोल पिता रामऔतार कोल 21 वर्ष, बबलू कोल पिता बाबूलाल कोल 37 वर्ष, अन्नू उर्फ बन्ना कोल पिता परमेश्वर कोल 27 वर्ष, राजेश कोल पिता सुरेश कोल 23 वर्ष को कोलगवां पुलिस ने वारदात के तीन घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों के विरुद्ध कोलगवां पुलिस के द्वारा अपराध क्रमांक 1569/2020 धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। उपनिरीक्षक डीआर शर्मा ने बताया कि चारों आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
ड्यूटी आने जाने के दौरान हुई थी पहचान
इस संबंध में पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आशीष उर्फ राहुल नामदेव पिता मंगलेश्वर नामदेव 23 वर्ष मूलत: कोठी थाना क्षेत्र के पोड़ी गांव का रहने वाला था। अप्रैल माह में आशीष ने कोलगवां थाना क्षेत्र के बिरला कालोनी के टपरिया बस्ती में सटरिंग ठेकेदार मिठाईलाल कुशवाहा का माकान 12 सौ रुपए मासिक किराए पर लिया था। आशीष बिरला फैक्ट्री के प्रोडेक्शन यूनिट में आस्थायी कर्मचारी था।
ड्यूटी आने-जाने के लिए आशीष पैदल बबलू कोल के घर के सामने से निकलने वाले रास्ते से जाया करता था। इसी दौरान आशीष की जान पहचान बबलू कोल की पत्नी से हो गई। कई मर्तवा दोनों को बातचीत करते हुए देखा गया। मोहल्ले वालों के जरिए यह जानकारी बबलू को लगी तो तो उसने पत्नी और आशीष पर नजर रखनी शुरू कर दी। सूत्रों ने बताया कि आशीष को लेकर बबलू अपनी पत्नी से अक्सर झगड़ा भी होता था।
गांजा पी रहे थे छोटू के दोस्त
जिस वक्त छोटू अपने बहनोई बबलू कोल के साथ मिलकर आशीष के साथ डंडे से मारपीट कर रहा था उस वक्त छोटू के दोस्त राजेश और अन्नू शंकरजी मंदिर के पास बैठकर गांजा पी रहे थे। आवास सुनकर राजेश और अन्नू भी बबलू के घर पहुंच गया। पुलिस ने बताया कि चारों ने मिलकर आशीष को पीटा। घर के सामने अत्याधिक खून बहने और आशीष की मौत के बाद चारों ने लाश को ठिकाने लगाने प्लान तैयार किया।
राजेश और अन्नू के द्वारा आशीष की लाश को तकरीबन 50 मीटर दूर तक घसीटकर ले जाने के बाद बाउण्ड्री के पीछे फेंक दिया। लाश फेंकने के बाद चारों आरोपी अलग-अलग जगह चले गए। हालांकि गुरुवार की सुबह लाश मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक हितिका वासल, नगर पुलिस अधीक्षक विजय सिंह परिहार ने घटना स्थल की जांच के दौरान पाया कि हत्या की वारदात को बबलू कोल और मोतीलाल कोल के घर के सामने अंजाम दिया गया है।
क्योंकि दोनों घर के सामने जमीन पर काफी मात्रा में खून पड़ा हुआ था। पत्थर पर खून लगा था, यहीं से लाश घसीटने के निशान बाउण्ड्री के पीछे मिले। लिहाजा पुलिस ने बबलू और मोतीलाल के परिवार को टारगेट में रखकर विवेचना शुरू की। कुछ घंटे में ही पुलिस को आरोपियों के बारे में अहम साक्ष्य हाथ लग गए जिसके चलते महज तीन घंटे के अंदर ही हत्या के चारों आरोपियों को धर दबोचा गया।