72 घंटे से भूखे-प्यासे केन्द्र पर डटे किसान, कांटा के अभाव में धान की तौल प्रभावित
रीवा | समर्थन मूल्य पर की जा रही धान की खरीदी में किसानों की फजीहत हो रही है। विभिन्न खरीदी केन्द्रों में 72 घंटे से भूखे-प्यासे किसान धान की बिक्री के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि जिला कलेक्टर की वह नसीहत भी केन्द्र प्रभारी भूल गए हैं जिसमें बढ़ते किसानों के मद्देनजर तौल कांटे बढ़ाने की बात कही गई थी। खरीदी केन्द्रों में अव्यवस्था का ऐसा आलम देखने को मिल रहा है, जहां पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है।
जिले के 124 खरीदी केन्द्रों में शुरू की गई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी अब किसानों को भारी पड़ने लगी है। 15 जनवरी तक होने वाली खरीदी से किसान अपनी उपज को बेचने के लिए जद्दोजहद करने में जुटे हुए हैं। लिहाजा तीन-तीन दिन से वह भूखे-प्यासे खरीदी केन्द्रों में अपनी तौल का इंतजार कर रहे हैं। बदइंतजामी में शुरू हुई धान की खरीदी के बाद ज्यादातर खरीदी केन्द्रों में शासन द्वारा दी जाने वाली व्यवस्थाएं नदारद हैं। खरीदी शुरू होने के पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा खरीदी केन्द्र प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि सभी केन्द्रों में सेनेटाइजर एवं पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। जबकि कुछ खरीदी केन्द्रों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर केन्द्रों में यह व्यवस्थाएं देखने को नहीं मिल रही हैं।
खास बात यह है कि धान की उपज तौलने के लिए जो तुलावटी लगाए गए हैं, उनसे वहां के जिम्मेदार अधिकारी ज्यादा तौल करा रहे हैं। कई बार किसानों ने ज्यादा तौल होने की शिकायत अधिकारियों तक पहुंचाई है परंतु अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। तराई क्षेत्र के कई खरीदी केन्द्रों में अधिक तौलाई को लेकर की गई शिकायत के बाद त्योंथर एसडीएम संजीव पाण्डेय, तहसीलदार ने खुद मौके पर जाकर यह देखा है कि निर्धारित मात्रा से ज्यादा की तौल की जा रही है। इस संबंध में उन्होंने खरीदी केन्द्र प्रभारी को जमकर फटकार भी लगाई थी।
एक सप्ताह से खरीदी केन्द्रों में किसानों की संख्या में दोगुनी वृद्धि हुई है। माना यह जा रहा है कि खाद्य नियंत्रक द्वारा धान बिक्री के लिए ज्यादा किसानों को एसएमएस भेज दिए गए हैं। यही वजह है कि खरीदी केन्द्रों में किसानों की संख्या बढ़ गई है। वहीं तौल कांटा न बढ़ाए जाने से वह तीन-तीन दिनों से अपनी तौल का इंतजार कर केन्द्रों में बैठे हुए हैं। बताया गया है कि जो तौल हो रही है, उसका भण्डारण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे डम्प पड़ी हुई है।
कई केन्द्रों में नहीं हैं बारदाने
नागरिक आपूर्ति निगम को खरीदी के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदानों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए थे। जबकि दो दर्जन से ज्यादा ऐसे खरीदी केन्द्र हैं जहां पर पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध न होने के चलते तौल ही बंद कर दी गई है। इतना ही नहीं कई खरीदी केन्द्रों में मजदूरों की कमी के चलते धान की तौल प्रभावित हो रही है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए अब मात्र 20 दिन शेष बचे हैं। ऐसे में 40 फीसदी किसानों के उपज की तौल करना विभागीय अधिकारियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। यही वजह है कि पंजीकृत किसानों के धान की खरीद हो सके, ऐसे में अब ज्यादा किसानों को एसएमएस भेजना विभाग ने शुरू कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि जहां ज्यादा एसएमएस भेजा जा रहा है, वहां तौल कांटे की व्यवस्था नहीं हो पाई है।
केमार खरीदी केन्द्र में लगी ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी कतार
जिले के खरीदी केन्द्र केमार में ट्रैक्टर ट्रालियों से लदी धान की लम्बी कतार लग गई है। किसानों द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि तीन दिन से वह खरीदी केन्द्र में अपनी धान बिक्री के लिए डटे हुए हैं। तौल कांटा उस खरीदी केन्द्र में मात्र एक है। मजदूर भी नहीं हैं ऐसे में धान की तौल नहीं हो पा रही है। स्थिति अब यह हो गई है कि ट्रैक्टर ट्रालियों में लदी धान की लम्बी कतार केमार खरीदी केन्द्र में देखने को मिल रही है। हालांकि वेयर हाउस के सामने ही खरीदी की जा रही है। ऐसे में परिवहन की व्यवस्था में भी किसी प्रकार की परेशानी नहीं आ रही है परंतु जब धान की तौल के लिए ज्यादा कांटे उपलब्ध हो जाएंगे, तभी यह व्यवस्था संभव हो पाएगी।