मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी पहुंचे रीवा, लाइनलॉस और विद्युत चोरी पर जताई नाराजगी

रीवा | मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी पूर्व क्षेत्र के सीएमडी आकाश त्रिपाठी बुधवार को रीवा पहुंचे। उन्होंने रीजन के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान 10 मुद्दों पर बात की गई। मानक से अधिक लाइनलॉस और बिजली चोरी पर अधिकारियों को फटकार का सामना करना पड़ा। मुख्य अभियंता कार्यालय में हुई यह बैठक सुबह 11 बजे से दोपहर करीब 2 बजे तक चली। जिसमें अधीक्षण अभियंता जीपी सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रीवा रीजन के उपभोक्ताओं पर करीब 7 सौ करोड़ रुपये बकाया है, जिसे वसूलने में बिजली विभाग के अधिकारियों के हाथ-पैर फूल आए हैं। वसूली नहीं होने पर रीवा रीजन आखिरी पायदान पर है। सबसे अधिक खराब स्थिति रीजन के रीवा सर्किल की है। इसके अलावा लाइनलॉस और बिजली चोरी के मामले में रीवा पहले पायदान पर है। यही वजह है कि कंपनी के सीएमडी आकाश त्रिपाठी बुधवार को रीवा पहुंचे थे। उन्होंने मुख्य अभियंता कार्यालय में बैठक बुलाई थी। जिसमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, एसीएम समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए थे।

बैठक में मुख्य रूप से 10 एजेंडों को रखा गया था। जिसमें चर्चा करते हुए सीएमडी ने कहा कि रीवा रीजन राजस्व वसूली में आखिरी पायदान पर है। यहां के उपभोक्ताओं पर 7 सौ करोड़ रुपये से अधिक बिल बकाया है। इसके अलावा कंपनी से जितनी बिजली रीवा रीजन को प्रदान की जाती है, उसका करीब 40 प्रतिशत हिस्सा लाइन लॉस अथवा चोरी में चला जाता है। ऐसे में कंपनी को हर माह करोड़ों रुपये का घाटा सहना पड़ रहा है। सीएमडी ने कहा कि यदि समय रहते स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फीडरों में लगेगा स्मार्ट मीटर
अधिक लाइन लॉस अथवा बिजली चोरी वाले फीडरों की मॉनीटरिंग के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस मीटर से लोड का पैटर्न पता चल सकेगा। इस मीटर से सुबह, शाम एवं रात की अलग-अलग रीडिंग ली जाएगी। इसके बाद इसका मिलान उपभोक्ताओं के खपत से किया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि बिजली चोरी हो रही अथवा लाइनलॉस। इतना ही नहीं इस मीटर से फीडर को स्विच आॅफ और आॅन भी कर सकेंगे।

बकायादारों पर करें कुर्की की कार्रवाई
बैठक के दौरान सीएमडी ने डिवीजन वार बकायादारों की समीक्षा की। इस दौरान रीवा सर्किल की स्थिति सबसे दयनीय पाई गई। सीएमडी ने कहा कि बकायादारों की बिजली कनेक्शन काटने से सिर्फ काम नहीं चलेगा। बड़े बकायादार कनेक्शन कटने के बाद भी यदि बिल नहीं जमा करते हैं तो उनकी संपत्ति का मूल्यांकन कर कुर्की की कार्रवाई प्रशासन की मदद से की जाए। तभी बकाया राशि की रिकवरी हो सकेगी। अन्यथा ऐसे में बिजली कंपनी बैठ जाएगी।

रीवा रीजन में 7 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 50 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के मीटर जले अथवा खराब है। लिहाजा इस तरह के मीटरों को तत्काल बदलने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमडी ने यह भी कहा कि शहरी क्षेत्र में फोटो मीटर रीडिंग में भी गड़बड़ी की जा रही है। लाइन प्रभारी व मीटर रीडर की मनमानी से मीटर की सही तरीके से फोटो नहीं आ पाती है, जिसके चलते बिलिंग में दिक्कत होती है। उपभोक्ताओं को खपत का आधा ही बिल भेजा जा रहा है। ऐसे में इस तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश स्थानीय अधिकारियों को दिया है।