विधवा-वृद्धा पेंशन समेत 15 योजनाएं बंद, ननि विभाग को लौटाएगा 3 करोड़

सतना | जनकल्याण से जुड़ी कई योजनाएं चुपके से बंद कर दी गई हैं। ऐसी योजनाएं जो नगरीय निकायों में बंद हो चुकी हैं उनका पैसा नगर निगमों को अब वापस करना हैं। नगर निगम सतना ऐसी योजनाओं का लगभग तीन करोड़ रूपए संचालनालय को वापस करेगा। इसकी जानकारी निगम द्वारा नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दी गई है। प्रदेश की 16 नगर निगमों में सतना ऐसी इकलौती नगर निगम है जिसने अभी तक ऐसी जानकारी दी है।

माना  जा रहा है कि बंद हो चुकी योजनाओं का पैसा दूसरे मदों में खर्च कर लिए जाने की वजह से प्रदेश की अन्य नगर निगम इस तरह की जानकारी को अभी तक साझा नहीं कर सकी हैं कि वे इन बंद योजनाओं का कितना पैसा वापस करने जा रही हैं। गौरतलब है कि 15 ऐसी योजनाएं हैं जो अब नगरीय निकायों में संचालित नहीं होती है। इन योजनाओं का जो पैसा था उसे संचालनालय ने वापस मांगा है। यह पैसा सम्बंधित विभाग व संचालनालय को नगरीय निकायों द्वारा वापस किया जाएगा। अभी तक नगरीय निकायों में इन योजनाओं के संचालन के लिए योजनावार पैसे आवंटित किए जाते थे लेकिन योजनाओं के बंद होने के बाद अब इनका पैसा सम्बंधित विभागों को वापस करना होगा।

ये योजनाएं बंद हुई 

  • राष्ट्रीय गंदी बस्ती 
  • मिड डे मिल  
  • स्वर्ण जयंती योजना
  • राजीव गांधी सर्वशिक्षा मिशन
  • राष्ट्रीय आवास योजना
  • राष्ट्रीय परिवार सहायता 
  • वृद्धावस्था पेंशन 
  • मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
  • शिक्षा कर्मी
  • विधवा पेंशन
  • मानसिक बहू विकलांग
  • कन्या अभिभावक
  • कर्मकार मण्डल

अन्य मदों में खर्च करने की आशंका 
नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने आशंका जाहिर की थी कि ऐसी योजनाएं जो अब प्रचलन में नहीं हैं। उनका पैसा दूसरे मदों में निकायों द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है जिसे देखते हुए बंद की गई सभी योजनाओं का पैसा संचालनालय को वापस किया जाए। विभाग के इस निर्देश के बाद नगर निगम सतना ने बंद की गई योजनाओं का योजनावार पैसा संचालनालय को वापस करने की जानकारी भेजी है। बंद की गई 15 योजनाओं का जितना पैसा नगरीय विकास एवं आवास विभाग को वापस किया जाएगा वह राशि 3 करोड़ रूपए है।

मिली सराहना 
कोरोना काल में जहां एक- एक पैसे के लिए विभागों में मारामारी मची हुई है ऐसे में नगर निगम द्वारा 3 करोड़ रूपए विभाग को वापस किए जाने पर विभागीय स्तर पर सतना की सराहना की गई है। इस सराहना की एक बडंी वजह यह भी है कि विभाग ने माना कि नगर निगम सतना ने दूसरी योजना का पैसा दूसरी योजना अथवा मद में खर्च नहीं किया है। अन्यथा प्रदेश की अन्य नगरीय निकायों की तरह सतना भी यह हिसाब नहीं दे पाता कि वह कितनी राशि उसे प्रचलन से बाहर हो चुकी योजनाओं का वापस करना है। 

ऐसी योजनाएं जो निकाय में बंद हो चुकी हैं। उनका पैसा संचालनालय ने वापस मांगा था। ऐसी कुल 15 योजनाएं हैं जो निगम में बंद हो चुकी हैं। इन योजनाओं का 3 करोड़ रूपए नगर निगम संचालनालय को वापस करेगा। 
भूपेन्द्र देव सिंह परमार, उपायुक्त वित्त