आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, पर्ची में अपना मोबाइल नंबर और नाम लिखेंगे चिकित्सक

रीवा | मरीजों के उपचार में हो रही हीला हवाली को रोकने के लिए आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार उपचार करने वाले चिकित्सक अपने नाम और मोबाइल नंबर की सील मरीजों की पर्ची में लगाएंगे। इससे यह जानकारी रहेगी कि मरीज का उपचार कौन सा चिकित्सक कर रहा है। इसके पीछे की वजह चिकित्सकों की मनमानी पर रोक लगाना बताया गया है।

अक्सर देखने को मिलता है कि मरीजों की पर्ची में चिकित्सक का नाम नहीं लिखा होता है। इतना ही नहीं यदि मरीज को दोबारा उसी चिकित्सक से इलाज कराना होता है तो उसका पता ही नहीं चल पाता कि पहली बार उसका इलाज किस चिकित्सक ने किया था। चिकित्सक मरीजों की पर्ची में अधूरा हस्ताक्षर कर देते हैं। कई बार तो हस्ताक्षर का नामों निशान तक नहीं रहता। इस तरह की मनमानी की जानकारी सरकार तक पहुंची थी।

लिहाजा चिकित्सा शिक्षा मंत्री के निर्देश पर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने बुधवार यानी 10 मार्च 2020 को एक आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि मरीजों का उपचार करने वाले चिकित्सक अपने नाम और मोबाइल नंबर की सील पर्ची में लगाए। जिससे मरीजों को उपचार कराने में सहजता हो। साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर संबंधित चिकित्सक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्राइवेट जांच और दवा खरीदी पर लगेगी लगाम
माना जा रहा है कि इस आदेश से चिकित्सकों की मनमानी पर भी रोक लगेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने सभी तरह के शासकीय चिकित्सालयों में नि-शुल्क जांच एवं दवा वितरण की व्यवस्था कर रखी है। लेकिन इसके बाद भी चिकित्सक कमीशन के चक्कर में मरीजों को न सिर्फ जांच के लिए निजी संस्थानों में भेजते हैं, बल्कि दवा भी दुकानों से मंगवाते हैं। इस आदेश पर अमल होने से ऐसी अव्यवस्थाओं पर रोक लग जाएगी।

उपचार में लापरवाही पर जिम्मेदारी होगी तय
उक्त आदेश का सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को मिलेगा। सरकारी संस्थानों में कई बाद चिकित्सकों की लापरवाही से मरीज की जान चली जाती है। लेकिन पर्चे में चिकित्सक का स्पष्ट नाम नहीं होने से यह तय नहीं हो पाता कि लापरवाही किस चिकित्सक की है। लेकिन उक्त आदेश के बाद लापरवाह चिकित्सक की जानकारी पर्चे से हो जाएगी।