बिना प्रभारी भगवान भरोसे चल रहा रेलवे माल गोदाम

सतना | कोरोना काल में सतना माल गोदाम ने रेलवे की झोली तो भर दी है लेकिन इसके बाद भी रेलवे प्रशासन का ध्यान यहां की व्यवस्थाओं के सुधार में नजर नहीं आ रहा है। 4 माह से ज्यादा वक्त बीतने को है और अभी तक एक नियमित प्रभारी की नियुक्ति नहीं हो पाई है जिससे व्यापारियों के साथ-साथ रेलवे अधिकारी भी परेशान हैं। बताया जाता है कि सतना मालगोदाम में नियमित माल गोदाम प्रभारी रशीद खान के सेवानिवृत्त होने के बाद  31 अगस्त से पद  खाली हैं। 4 बुकिंग स्टाफ की वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर लगाया गया है। जानकारों के अनुसार इन दिनों आए दिन खाद के रैक पहुंच रहे हैं और यहां से गेहूं के रैक बाहर भेजे जाते हैं। ऐसे में नियमित मालगोदाम प्रभारी के न होने से व्यवस्थाएं बिगड़ रही हैं। जहां एक  ओर व्यापारियों को परेशानी होती है वहीं रिकार्ड भी मेन्टेन नहीं हो पाता है।

सातवें आसमान पर पहुंची कमाई
भले ही कोरोना काल में यात्री राजस्व घटने से रेलवे की सेहत खराब हुई हो लेकिन माल गोदाम सोने की चिड़िया बना रहा और रेलवे को इससे संजीवनी मिली है। पिछले साल तक जहां माल गोदाम के घटते राजस्व को लेकर रेलवे चिन्तित बैठा था वहीं इस वर्ष कोरोना संकट के दौर में मालगोदाम की आय सातवें आसमान पर पहुंच गई। आंकड़ों के अनुसार पिछले 8 माह में माल गोदाम की आय से रेलवे को 32 करोड़ 63 लाख की आय हुई है, वहीं सतना स्टेशन से अकेले यात्री राजस्व में लगभग 70 -80  प्रतिशत की गिरावट आई है। बताया जाता है कि कोरोना काल में जितनी आय मालगोदाम से हुई है उतनी आय कभी नहीं हुई।