विधानसभा को सहायक यंत्री ने किया था गुमराह, हिन्दी के बजाय अंग्रेजी में भेजी थी जानकारी
सतना। जिला शिक्षा केन्द्र में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री विनायक तिवारी ने विधानसभा को भी गोलमोल जवाब दिया है। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने कलेक्टर सह मिशन संचालक को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि विधानसभा के उत्तर में जो भी जानकारी भेजी जाती है वह हिन्दी में दी जाती है। जिले की प्रशासकीय स्वीकृति जो जारी की गईं उसमें विद्यालयों के नाम अंग्रेजी में दिए गए हैं। संचालक के पत्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि जानकारी अपूर्ण और भ्रामक है।
घंटो चला मंथन
उल्लेखनीय है कि राज्य शिक्षा केन्द्र ने आदेश में बकायदा स्पष्ट उल्लेख किया था कि उपयंत्री या प्रभारी सहायक यंत्री विनायक तिवारी से प्रभार छीनते हुए किसी अन्य को प्रभार दें। यही नहीं संचालक ने कमेटी बनाकर जांच कराने के आदेश दिए थे। रविवार की दोपहर जिला शिक्षा केन्द्र में देर शाम तक मंथन चला। सूत्रों के अनुसार इस मंथन में प्रभारी सहायक यंत्री को बचाने के प्रयासों पर चर्चा की गई। इसके अलावा विधानसभा के प्रश्नों का सही जवाब देने के लिए जिस कमेटी का जिक्र किया गया था उस पर कोई विचार नहीं किया गया।
उल्टे जवाबों का पुलिंदा लेकर दो उप यंत्रियों को रवाना कर दिया गया। इसके बाद भी अब तक उन्हे हटाया नहीं जा सका। हालांकि वर्तमान में स्थापना कार्य के ओआईसी भूप सिंह ने यह सुझाव डीपीसी को दिया कि विनायक तिवारी छुट्टी पर है और वर्तमान में सहायक यंत्री के चार्ज में सोहावल उप यंत्री राकेश रैकवार के पास है, उन्हें हटा दिया जाय लेकिन डीपीसी इस सुझाव से सहमत नहीं हुए।