विद्युत क्षमता में होगी लगभग डेढ़ हजार मेगावाट की वृद्धि
ग्वालियर | प्रदेश में विद्युत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेशवासियों को भरपूर और बिना बाधा के बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने जहाँ कोरोना काल में उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत दी है, वहीं उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान को भी प्राथमिकता दी है। प्रदेश में उपलब्ध विद्युत क्षमता 30 नवम्बर 2020 की स्थिति में 21 हजार 220 मेगावाट है। पिछले 22 दिसम्बर को इतिहास में सर्वाधिक 15 हजार 21 मेगावाट मांग की आपूर्ति सुनिश्चित की गई। अगले वित्त वर्ष में उपलब्ध विद्युत क्षमता में 1426 मेगावाट वृद्धि की योजना है।
लॉकडाउन में उपभोक्ताओं को 1000 करोड़ की राहत: प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ता जो संबल योजना के हितग्राही है एवं माह अप्रैल 2020 में जिनके देयक की राशि 100 रुपए तक थी, उनके आगामी तीन माह में देयक राशि 100 रुपए तक आने पर इन माहों में 50 रुपए प्रतिमाह लिया गया। ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके अप्रैल 2020 के देयक की राशि 100 रुपए तक थी उनके आगामी 3 माह के देयक राशि 100 से 400 तक आने पर उन तीन माहों में मात्र 100 रुपए प्रतिमाह की राशि का भुगतान लिया गया।
ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनकी अप्रैल 2020 में देयक राशि 100 रुपए से अधिक परंतु 400 या उससे कम थी, उनके आगामी तीन माह के देयक राशि 400 से अधिक आने पर उन तीन माह में देयक की राशि का मात्र 50 प्रतिशत लिया गया है। प्रदेश के निम्न दाब, गैर घरेलू एवं निम्न दाब औद्योगिक, उच्च दाब टैरिफ एचव्ही 3 उपभोक्ताओं के अप्रैल, मई एवं जून 2020 के विद्युत देयकों में स्थायी प्रभार की वसूली को अस्थगित किया गया।
उपभोक्ताओं द्वारा लॉकडाउन के चलते अप्रैल एवं मई माह के विद्युत बिलों का भुगतान नियत तिथि तक करने पर एक प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि आगामी बिल में दी गई है। इन निर्णयों से उपभोक्ताओं को लगभग एक हजार करोड़ से अधिक की राहत प्रदान की गई।
19 लाख से अधिक शिकायतें निराकृत: शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संबंधित शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिये केन्द्रीयकृत कॉल सेंटरों को सृदृढ़ किया गया है। अप्रैल से नवम्बर 2020 की अवधि में प्राप्त सभी करीब पौने 20 लाख शिकायतों का निराकरण किया गया। शिकायतों के निराकरण के बाद उपभोक्ता संतुष्टि के लिये फीडबैक व्यवस्था में इस दौरान 3 लाख 32 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं से सम्पर्क किया गया। औसत उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.4 प्रतिशत पाया गया। गलत बिजली बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिये शिविर लगा कर 33 हजार से अधिक शिकायतों को मौके पर दूर किया गया।