पिपराही फॉल से उत्पादित होगी 38 मेगावाट बिजली
रीवा | हायडल पॉवर प्रोजेक्ट के तहत हनुमना के पिपराही से गुजरने वाली बाणसागर परियोजना की नहर के जरिए 38 मेगावाट बिजली उत्पादित करने वाले संयंत्र को स्थापित किए जाने का काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि बाणसागर परियोजना की नहर जो उत्तरप्रदेश को जाती है, उसका पानी पिपराही नहर में गिराया जाता है जो झरने का रूप ले लेती है। सरकार द्वारा एसएचपी योजना के तहत यहां 38 मेगावाट क्षमता के हायडल पावर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट में कुल चार यूनिट होंगी, जिनमें से प्रत्येक यूनिट 13.5 मेगावाट बिजली जनरेट करेगी। बता दें कि पिपराही में एक यूनिट बनकर तैयार हो चुकी है।
पानी न मिलने से नहीं तैयार हो रही बिजली
पिपराही नहर में तैयार हो चुकी 13.5 मेगावाट बिजली जनरेट करने वाली यूनिट से फिलहाल बिजली तैयार नहीं हो पा रही है। बताया गया है कि बाणसागर परियोजना की नजर में लीकेज होने के कारण पानी सप्लाई नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण यहां तक नहर के द्वारा पानी नहीं पहुंच रहा है और यही वजह है कि यूनिट तैयार होने के बाद भी कंपनी बिजली नहीं बना पा रही है। बताया गया है कि संयंत्र के पूरी तरह से निर्माण हो जाने के बाद लीकेज सुधारने का भी काम हो जाएगा और पिपराही से 38 मेगावाट बिजली तैयार होने लगेगी।
पुरवा फॉल से भी 24.75 मेगावाट बिजली तैयार करने की योजना
जिले के सेमरिया क्षेत्र में पड़ने वाले खूबसूरत जलप्रपात पुरवा फॉल अब न सिर्फ पर्यटन के लिए जाना जाएगा बल्कि यहां से बिजली भी उत्पादित की जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि जलप्रपात से बड़ी मात्रा में पानी गिरता है जिसका कोई उपयोग नहीं होता है। वाटर फॉल का सकारात्मक इस्तेमाल करने के लिए एसएचपी योजना के तहत यहां पर 24.75 मेगावाट बिजली जनरेट करने वाला प्लांट स्थापित किया जाएगा। खास बात यह है कि शासन स्तर से प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिल चुकी है और पॉवर परचेंजिंग एग्रीमेंट का काम भी अंतिम चरण में है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिजली उत्पादन की इकाई स्थापित करने वाली कंपनी भोपाल की मेसर्स मार्शल स्माल हाइड्रो पावर कंपनी लिमिटेड है जो स्वयं ही प्रोजेक्ट लगाने में राशि वहन करेगी और इससे उत्पादित बिजली सरकार खरीदेगी। बताया गया है कि कंपनी और शासन के बीच बिजली खरीदने का एग्रीमेंट पूरा हो चुका है। कंपनी को अगले 30 महीने के अंदर प्लांट स्थापित कर बिजली का उत्पादन करना होगा। जून 2021 तक यहां प्रोजेक्ट लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
बताया गया है कि यहां हायडल पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित करने से यहां के पर्यटन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। शासन ने कंपनी को यह साफ निर्देश दिए हैं कि पुरवा फॉल देखने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिए और न ही पर्यटन स्थल के साथ छेड़छाड़ होनी चाहिए। ऐसा माना जा रहा है कि यहां पर प्लांट स्थापित होने के बाद पुरवा फॉल की सिक्योरिटी बेहतर हो जाएगी।