अपनों को पद दिलाने दिग्गजों ने बढ़ाई सक्रियता

जिलों में नहीं बन रहा समन्वय, खींचतान में बढ़ाई संगठन की चिंता
भोपाल। प्रदेश में भाजपा जिला अध्यक्ष के लिए रायशुमारी का दौर जारी है। जिला अध्यक्ष के लिए बुलाए गए तीन नामों की लिए हो रही रायशुमारी में स्थानीय नेताओं और दिग्गजों के बीच अपने समर्थक को यह पद दिलाने की होड़ के चलते कई जिलों में टकराव की स्थिति भी निर्मित हो रही है। इसके चलते रायशुमारी में भी देरी हुई है
भाजपा में मंडल अध्यक्ष के बाद अब जिला अध्यक्ष पद के लिए खींचतान तेज हो गई है। विधायक, सांसदों के अलावा क्षेत्रीय दिग्गज नेताओं ने भी अपने समर्थकों के लिए दबाव बनाना ष्शुरू कर दिया है। इसके चलते कई जिलों में टकराव की स्थिति भी निर्मित होती नजर आ रही है। कहीं पर दिग्गजों के बीच सीधा टकराव भी देखने को मिल रहा है, जिसके चलते तीन नामां के पैनल बनाने में परेशानी आ रही है। कुछ जिलों में कई दावेदार इस पद के लिए सामने आए हैं, जिसके चलते निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षक उलझन में पड़ते नजर आ रहे हैं। जिला अध्यक्ष की रायशुमारी को लेकर संगठन पदाधिकारियों के पास शिकायतें भी तेजी से बढ़ रही है। कुछ जिलों में रायशुमारी को ही गलत बताया जा रहा है तो कुछ जिलों में दिग्गज नेताओं के कारण बन रही दबाव की स्थिति को लेकर रायशुमारी ना होने की शिकायतें भी सामने आई है।
सूत्रों की माने तो कुछ जिलों में दोबारा जिला अध्यक्ष पद पाने के लिए भी दावेदारों की सक्रियता बढ़ी है। जबकि संगठन ने स्पश्ट कर दिया है कि दूसरा या दूसरी बार किसी नेता को जिला अध्यक्ष पद नहीं दिया जाए। वहीं जिन जिला अध्यक्षों का कार्यकाल 1 से 2 वर्ष या इससे कुछ अधिक हुआ है उनमें अध्यक्ष के कार्यकाल को बढ़ाने पर विचार मंथन किया जा रहा है। कुछ जिलों में तो पूर्व विधायकों ने ही इस पद के लिए दावेदारी ठोक दी है, इसके चलते युवा कार्यकर्ता भी खफा नजर आ रहा हैं
ये दिग्गज हुए अपने समर्थकों के लिए सक्रिय
जिला अध्यक्ष के लिए चल रही रायशुमारी में दावेदारों की संख्या तो बढ़ी ही है, इसके अलावा दिग्गज नेताओं ने भी अपने समर्थकों के लिए दबाव बनाना तेज कर दिया है। इन दिग्गजों में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री डा वीरेन्द्र कुमार, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री विश्वास सारंग, मंत्री कृश्णा गौर, मंत्री राकेश सिंह, मंत्री गोविंद राजपूत, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई के अलावा विधायक और सांसद भी हैं, जो अपने समर्थकों को पद दिलाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसके चलते सहमति नहीं बन पा रही है। कुछ जिलों में तो इन नेताओं के बीच द्वंद सी स्थिति भी बनी है। इसने संगठन की चिंता को बढ़ा दिया है।