जल संरचनाओं के उन्नयन के कार्य कराएं प्राथमिकता से
जल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रदेश में 5 जून से चलेगा विशेष अभियान
भोपाल। प्रदेश के सभी जिलों में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए 5 से 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय क्षेत्रों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग करेगा।
अभियान के सफल व सुचारू संचालन के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को संयुक्त दिशा-निर्देशजारी किए गए हैं। निर्देशों में कलेक्टरों से कहा गया है कि अभियान के दौरान जल संरचनाओं के उन्नयन कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर कराये जाए। जल संरचनाओं से मिलने वाले गंदे पानी के नाले अथवा नालियों को डायवर्सन के उपरांत शोधित कर जल संरचना में छोड़ा जाए। जल संरचनाओं को व्यवसाय व रोजगार मूलक बनाने के उद्देश्य से पर्यटन, मत्स्य पालन, सिंघाड़े का उत्पादन जैसी संभावनाओं का स्पष्टतः निर्धारण कर लिया जाए।
होंगे जल सम्मेलन, किया जाएगा श्रमदान
निर्देशों में कहा है कि जन-जागरूकता के उद्देश्य से 6 जून को प्रत्येक नगरीय निकाय में जल सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 8 जून को जन भागीदारी से श्रमदान कर जल संरचनाओं की साफ सफाई की जाएगी। 9 जून को जल संरचनाओं के समीप कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा साथ ही 9 जून को ही जल संरक्षण विषय पर निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय छात्र-छात्राएं सहभागिता करेंगे। 10 से 16 जून तक योजनानुसार जीर्णोद्धार के साथ-साथ जल संरचनाओं की साफ-सफाई भी होगी। 15 व 16 जून को गंगा दशमी के अवसर पर प्रमुख जल स्रोतों के किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गंगा आरती, भजन समारोह इत्यादि आयोजित किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने किया आह्वान अभियान में ले भाग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण व संवर्धन के संबंध में जागरूकता के लिए 5 जून “पर्यावरण दिवस“ से 16 जून “गंगा दशहरा“ तक चलने वाले ’नमामि गंगे अभियान’ में प्रदेशवासियों से सक्रिय रूप से भाग लेने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि वृक्षों और जल से ही यह वसुधा समृद्ध है, यही जीवन का आधार है, अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण पर केन्द्रित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जनभागीदारी से नदी, तालाब, कुंए, बावड़ी की साफ-सफाई कर, जनसामान्य में जल के प्रति चेतना बढ़ाने के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी।