राम राज्य का आधार त्याग और तपस्या है: गौतम
रीवा | मानस भवन रीवा में राष्ट्रीय मानस मेला के तहत रामराज्य की परिकल्पना विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी का समापन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने किया। इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष श्री गौतम ने कहा कि राम के वंश में अनेक प्रतापी राजा हुये लेकिन आदर्श राम के राज्य को माना जाता है। रामराज्य का आधार त्याग और तपस्या है जिसके कारण उसे आदर्श माना गया। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं उन्होंने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षों तक वन में कठोर जीवन बिताया। धर्म पर आधारित नीति पर चलकर ही रामराज्य की परिकल्पना साकार होगी। राम ने वंचितों का उत्थान किया रावण का वध करने और अनीति के विनाश के लिए उन्होंने किसी शक्तिशाली राजा का सहयोग नही लिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब राजाओं का अभिषेक होता था तो उन्हें मुकुट के साथ राजदण्ड प्रदान किया जाता था। जब राजा अपने गुरू के चरणों में शीश झुकाते थे तो जो गुरू आशीर्वाद देते थे वह धर्मदण्ड कहलाता था। मेरे आसन के समक्ष भी राजदण्ड रखा रहता है पर मैं अपनी पीठ पर धारण किये हुये। धर्मदण्ड के अनुसार विधानसभा का संचालन करता हूं। धर्म ही हमें सच्चा मार्ग दिखाता है। हर 12 साल में कुंभ का मेला भरना धर्म है इसमें बिना किसी के बुलावे के करोड़ लोगों का शामिल होना धर्म का मर्म है।
राम ने वंचितों का उत्थान कर राम राज्य की स्थापना की : वेदांती
कार्यक्रम में मानस मर्मज्ञ रामविलास वेदान्ती महराज ने कहा कि श्री राम ने वंचितों का उत्थान करके रामराज्य की स्थापना की। रामराज्य का प्रारंभ कैकेयी के साहस से होती है जिन्होंने अपने पति के प्रांणों की चिंता किये बिना राम को दुष्टों के संहार, संतों की सेवा और वंचितों के उत्थान के लिए प्रेरित किया। राम ने यदि त्याग और तपस्या का मार्ग नहीं चुना होता तो वे उस आदर्श राज्य की स्थापना नहीं कर सकते थे जिसे हम रामराज्य कहते हैं। संगोष्ठी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राम हर व्यक्ति के हृदय में वास करते हैं। हमें स्वयं को सत्य के पथ पर ले जाना होगा। भरत की चित्रकूट यात्रा की तरह हम सबको चित्रकूट की यात्रा करनी चाहिए जिससे हमारे मन के शोक, दुख, कष्ट मिट जायें जब सच्चा आनंद होगा तभी रामराज्य हो सकेगा।
रामराज्य की स्थापना के लिए लक्ष्मण तथा हनुमान जैसे सेवक सीता जैसी पत्नी, भरत जैसे ज्ञानी और त्यागी होना भी आवश्यक है। संगोष्ठी में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने भी रामराज्य की परिकल्पना पर विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी में पचमठा के संत ब्रम्हचारी, डॉ. ज्ञानवती अवस्थी, डॉ. अवधेश पाण्डेय तथा अन्य मानस मर्मज्ञों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी का संचालन राजेश शुक्ला ने किया। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में संतगण तथा गणमान्य नागरिक शामिल हुये।
राजनिवास में आम लोगों की सुनी समस्याएं
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम अपने तीन दिवसीय प्रवास पर 21 मार्च को रेवांचल एक्सप्रेस द्वारा रीवा रेलवे स्टेशन पहुंचे। तदुपरांत उन्होंने स्थानीय राजनिवास (सर्किट हाउस) में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों से मुलाकात की। विधानसभा अध्यक्ष को लोगों ने आपसी समस्यायें बताई जिसे उन्होंने तत्काल विभागीय अधिकारियों को समाधान कारक कार्यवाही के निर्देश दिये। श्री गौतम ने उपस्थित जनों को आश्वस्त किया कि सभी की समस्याओं का नियत समय पर समाधान कारक निराकरण होगा। राजनिवास में जनसमुदाय ने विधानसभा अध्यक्ष का शाल श्रीफल से स्वागत अभिनंदन किया। इस दौरान राजनिवास में विधायक मनगवां पंचूलाल प्रजापति, भाजपा अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह सहित जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय जन उपस्थित रहे।
शहर के गणमान्य नागरिकों से की सौजन्य भेंट
श्री गौतम ने अपने तीन दिवसीय प्रवास के प्रथम दिवस रीवा शहर के गणमान्य नागरिकों के घर जाकर सौजन्य भेंट की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आत्मीय संबंधों को बनाये रखना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से हम अपने संबंधों को पुर्नजीवित करने के लिये लोगों के घर जाकर सौजन्य भेंट कर रहे हैं। श्री गौतम ने कहा कि पद तो आते जाते रहते है मगर जिनसे अपने पारिवारिक या आत्मीय संबंध है उनसे मिलकर उन्हें बनाये रखा जाय। यह कार्य सभी को करना चाहिए तथा यह प्रयास होना चाहिए कि सामाजिक व पारिवारिक संबंधों में खरोच न आये।
सभी एक दूसरे का सम्मान करें तथा मिलजुल कर रहते हुए समाज के साथ जिले, प्रदेश व देश की उन्नति में सहयोगी बनें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम किसी दल के नहीं हैं वरन सबके हैं। पद स्थायी नहीं होते मगर संबंध स्थायी होते हैं अत: संबंधों को सजों कर रखते हुए आत्मीय जनों से स्नेह बनाये रखना चाहिए। श्री गौतम ने चिरहुला कालोनी निवासी एडवोकेट राजकुमार शुक्ल के घर पहुंचकर मुलाकात की।
श्री शुक्ल ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ वकालत करते समय के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा गरीबों के पक्ष में न्याय दिलाने का कार्य किया। इसके बाद पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल के चिरहुला कालोनी निवास में पहुंचे जहां पर उनका स्वागत किया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने नरेन्द्र नगर निवासी अरूण प्रताप सिंह (राजा) के निवास जाकर सौजन्य भेंट की तदुपरांत श्री गौतम पूर्व विधायक राजेन्द्र मिश्रा के निवास पहुंचे जहां उनका हार्दिक स्वागत किया गया। श्री मिश्र के निवास में विधानसभा अध्यक्ष को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
विस अध्यक्ष का एडवोकेट सुशील तिवारी के घर पहुंचने पर स्वास्ति वाचन के साथ स्वागत हुआ। श्री गौतम रमेश गर्ग के आवास भी पहुंचे जहां उनका स्वागत अभिनंदन हुआ। उन्होंने मंदिर में पूजा कर भगवान से आशीर्वाद लिया। वे एडवोकेट रावेन्द्र मिश्रा के आवास गये जहां पर उनका आत्मीय स्वागत करते हुए श्री मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किये व संस्मरण सुनाये। श्री गौतम ने पूर्व महापौर वीरेन्द्र गुप्ता के निवास पहुंच कर उनसे सौजन्य भेंट की।