कक्षा 1 से लेकर 8 वीं के विद्यार्थियों को बांटी गई वर्क बुक

रीवा | कोरोना काल में अध्ययन-अध्यापन और परीक्षा का पूरा तौर तरीका ही बदल चुका है। इस महामारी के दौर में स्कूल शिक्षा विभाग को अपनी कई योजनाएं बदलनी पड़ी हैं। बता दें कि कक्षा एक से लेकर आठवीं की परीक्षाएं भौतिक रूप से नहीं होंगी। छात्रों को स्कूल जाकर परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी बल्कि घर पर बैठकर ही अपने बड़ों की मदद लेकर वह असाइनमेंट तैयार कर सकेंगे और उसके आधार पर ही उनका रिजल्ट तैयार किया जाएगा। 

स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पहली से लेकर आठवीं के छात्रों को वर्कबुक बांटने का काम शुरू हो गया है। जिसमें छात्र उसे घर ले जाकर दिए गए प्रश्नों का उत्तर लिख सकते हैं और स्कूल द्वारा दिए गए असाइनमेंट प्रोजेक्ट को पूरा कर सकते हैं। 

गाइड लाइन में यह भी उल्लेख किया गया है कि बच्चे अपने घर के बड़ों से मदद भी ले सकते हैं। जाहिर है कि इस साल पहली से आठवीं की परीक्षाएं सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गई हैं। गौर करने वाली बात यह है कि जब स्कूलें संचालित ही नहीं हुर्इं, आॅनलाइन में बहुत कम बच्चे शामिल हो पाए तो इस घड़ी में परीक्षा लेना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना जाता। यही वजह है कि कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक के छात्रों को घर में ही बैठकर परीक्षा देनी है और स्कूल में वर्कबुक जमा कर देनी है।

9वीं और 11वीं की परीक्षाओं के संबंध में नहीं जारी हुई गाइड लाइन
स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से लेकर 8वीं की परीक्षाएं व रिजल्ट के संबंध में गाइड लाइन जारी कर दी है। मगर कक्षा 9वीं और 11वीं के संबंध में कोई जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई है। हालांकि संभावना यही है कि 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं भौतिक रूप से होंगी। जिसमें कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए छात्रों और स्टाफ को परीक्षा हाल में बैठना पड़ेगा। यह 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं कब होंगी इसके बारे में अब तक विभाग द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। ऐसी संभावना बन रही है कि बोर्ड परीक्षा शुरू होने के कुछ दिन पहले या बाद में 9वीं और 11वीं की भी परीक्षाएं आयोजित हो सकती हैं।

बोर्ड के लिए चल रही तैयारी
शहरी क्षेत्र के शासकीय स्कूलों की बात करें तो 10वीं और 12वीं के छात्र पढ़ने के लिए स्कूल पहुंच रहे हैं। मगर देहात में स्थित सरकारी स्कूलों में तो शिक्षक ही नदारद रह रहे हैं। गत दिनों से जेडी लोक शिक्षक द्वारा किए जा रहे निरीक्षण में यह पता चला है कि काफी संख्या में ग्रामीण अंचलों में स्थित स्कूलों के जिम्मेदार गैर मौजूद रहते हैं। शहरी स्कूलों की बात करें तो यहां बोर्ड के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और क्लास टेस्ट भी हो रहे हैं। गौरतलब है कि इस बार प्री-बोर्ड परीक्षा नहीं बल्कि दो बार रिवीजन टेस्ट होंगे जो जनवरी और फरवरी माह में आयोजित किए जाएंगे।

पहली से लेकर आठवीं के छात्रों को वर्कबुक बांटने का काम किया जा रहा है। 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं होंगी मगर वह कब होंगी इस संबंध में फिलहाल कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है।
आरएन पटेल, डीईओ रीवा