बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का दंश झेल रहे जिलावासी, 21प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सक विहीन
रीवा | जिले की स्वास्थ्य सुविधा बदतर हो चुकी है। एक ओर जहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल मरीजों को सौंप कर जन प्रतिनिधि बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का श्रेय ले रहे हैं, वहीं ग्रामीण अंचलों की हालत भयावाह है। आलम यह है कि जिले के 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 21 चिकित्सक विहीन हैं। यहां पर मेडिकल आॅफिसर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वह खाली पड़े हैं। ऐसे में यह रेफर सेंटर बन कर रह गए हैं।
जिले की जनता को बेहतर और तत्काल स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। करीब-करीब 30 हजार की आबादी में एक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इन केंद्रों में चिकित्सकों के पद भी शासन की ओर से स्वीकृत हैं। लेकिन भयावाह स्थिति यह है कि इनमें से 21 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं, जहां पर मेडिकल आॅफिसर की तैनाती नहीं है। ऐसे में इन स्वास्थ्य केंद्रों की बागडोर स्टाफ नर्स एवं प्रभार के भरोसे चल रही है। ऐसे में यहां इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है। उन्हें जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ रही है।
एसजीएमएच में पड़ रहा लोड
ग्रामीण अंचल में उपचार की बेहतर व्यवस्था न होने के कारण सबसे बड़ा प्रभाव एसजीएमएच और जीएमएच में पड़ रहा है। मरीज वायरल फिवर व नार्मल बीमारी होने पर भी सीधे जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। इसके पीछे की वजह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार सुविधा न मिलना बतायी गई है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बन कर रह गए हैं। शासन के नियमानुसार 30 हजार की जनसंख्या में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जाना चाहिए। इस मापदंड में रीवा जिला करीब-करीब खरा उतर रहा है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र के केवल भवन ही बने हैं, जबकि इसे चलाने वाले पद खाली पड़े हैं।
गाइडलाइन के अनुसार हर स्वास्थ्य केंद्र में प्राइमरी जांच की सुविधा होनी चाहिए। लेकिन जिले में ऐसा नहीं है। जहां चिकित्सकों के पद खाली है वहां तो जांच होती ही नहीं है, लेकिन जहां चिकित्सक पदस्थ हैं, वहां भी मरीजों को जांच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। ऐसे में यहां पहुंचने वाले मरीजों को निजी संस्था में जाकर जांच कराना पड़ रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है। शासन स्तर से ही तैनाती होती है। उम्मीद है कि जल्द ही चिकित्सकों के रिक्त पदों को भर लिया जाएगा।
डॉ. एमएल गुप्ता, सीएमएचओ रीवा