व्यापारी वर्ग भी विन्ध्यप्रदेश के पुनर्गठन का पक्षधर
सतना | इन दिनों विंध्यप्रदेश की मांग एक बार पुन: मुखर हुई है। शहर समेत जिले के बड़े व्यापारी भी विन्ध्यप्रदेश के पुनर्गठन के पक्षधर हैं और ‘हमारा विंध्यप्रदेश हमें लौटा दो ’ की मुहिम को धार दे रहे हैं। व्यापारी वर्ग भी यह महसूस कर रहा है। कि उनकी अपनी सरकार में व्यवसाईयों के साथ-साथ सर्वहारा वर्ग के उत्थान और बुनियादी विकास की अपनी अलग नीतियां बने जिससे सभी का कल्याण हो सके और जिन सुविधाओं से हमारा विन्ध्य अछूता है वह सरलता के साथ समय रहते मिल सकें। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए 25 मार्च को यहां बीटीआई ग्राउण्ड में होने जा रही जनसभा को सफल बनाने के लिए नगर के कुछ प्रतिष्ठित व्यापारियों ने 17 मार्च को दोपहर 3 बजे से अशोका पैलेस में वृहद बैठक बुलाई है जिसमें विन्ध्य प्रदेश को लेकर सभी से समर्थन जुटाने की कवायद की जाएगी।
विंध्य का विकास निश्चित तौर पर होना चाहिए और इसके विकास के लिए समेकित प्रयास होना चाहिए। विंध्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं लेकिन यह क्षेत्र अभी भी विकसित होने की बाट जोह रहा है। इमानदाराना प्रयास से ही विंध्य का विकास संभव है।
अशोक दौलतानी, अध्यक्ष कैट
विरासत में यदि हम अपने बच्चों नाती-पोतों को उजड़ा हुआ विन्ध्य देकर गए तो आने वाली पीढ़ी हमे कभी माफ नहीं करेगी। इसीलिए आज राजनैतिक द्वेष, जात-पात, छोटा-बड़ा जैसे तमाम मतभेद और भ्रांतियों को दर किनार कर एकजुट होकर विन्ध्यप्रदेश के पुनर्गठन के लिए संघर्ष करने की जरूरत है।
भरत खेड़ा, व्यवसायी
स्वास्थ्य सुविधा न हो पाने के कारण इस क्षेत्र के सैकड़ो लोग सालाना जबलपुर और नागपुर पहुंचने के पहले की दम तोड़ देते हैं। प्रतिभा होने के बाद भी हजारों बच्चें इंदौर-भोपाल जैसे शहरों में अध्ययन नहीं कर पाते और जो पढ़ते भी हैं। तो उनके अभिभावक कर्ज से लद जाते हैं। ऐसे में हमें उच्चस्तरीय स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा के लिए पृथक प्रदेश की आवश्यकता है।-
रामोराम गुप्ता, पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष भाजपा
अपार खनिज सम्पदा के बीच मैहर, चित्रकूट जैसे प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थल हैं। सीमेन्ट उत्पादन का यह क्षेत्र हब है। विकास और रोजगार की पर्याप्त सुविधा व संसाधन है किन्तु हमारे हक पर पिछले 70 वर्षो से डाका डाला जा रहा है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमृतलाल मिश्रा, व्यवसायी
प्रदेश को सर्वाधिक राजस्व देने वाला विन्ध्य क्षेत्र ही है किन्तु हमारी राशि से दूसरे क्षेत्रों का विकास हो रहा है और हम जहां से चले थे वहीं खड़े हैं। उन्होनें कहा कि हमें मिलकर अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, तभी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुनहरा होगा। पृथक विंध्यप्रदेश वक्त की मांग है जिसे पूरा होना चाहिए।
कमलेश पटेल, पूर्व चेंबर अध्यक्ष