शिक्षकों ने कहा- सर, प्लीज स्कूल गेट के सामने का अतिक्रमण हटा लीजिए

सतना | ‘सर, यह विद्यालय है जहां छात्राएं पढ़ने के लिए आती हैं, लेकिन आप लोगों द्वारा स्कूल से सटाकर दुकानें और ठेले लगा लेने से छात्राओं को दिक्कतें होती हैं, कृपया आप लोग कुछ दूर दुकानें लगाएं’। छात्राओं को पढ़ाने वाले कन्या धवारी विद्यालय के अध्यापक शनिवार को कुछ ऐसी ही गांधी गिरी दिखाते हुए दुकानदारों से अतिक्रमण हटाने के लिएमनुहार करते नजर आए । 

दरअसल वे स्कूल से सटकर चौतरफा लगी दुकानों को हटवाने का प्रयास कर रहे थे। यूं तो यह उनका काम नहीं है लेकिन जिनके पास अतिक्रमण हटाने का जिम्मा है उनको इतना समय नहीं है कि वे स्कूलों के आसपास भी जाकर देखें, नतीजतन शिक्षकों को ही मैदान पर उतरना पड़ा। बताया गया कि कन्या धवारी हायर सेकेडरी स्कूल के दक्षिण दिशा की तरफ बने गेट के सामनें पिछले डेढ़ माह से ठेले लगा कर अतिक्रमण कर रखा है और रास्ता ब्लॉक है। यहां चाय-पान व गुटखे के ठेले धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं।

विद्यालय प्राचार्य सुभाषचंद मिश्र अपने स्टाफ के साथ ठेले वालों से बात की और वहां से हटने अन्यत्र दूसरी जगह लगाने के लिए कहा। हालांकि सौम्यता से किया गयाशिक्षकों के अनुरोध का कोई असर दुकानदारों पर नहीं पड़ा और शिक्षकों के स्कूल में घुसते ही सभी दुकानदार उसी तरह जम गए जैसे वे जमे हुए थे। कन्या धवारी विद्यालय के शिक्षकों के इस प्रयास ने शहर की स्कूलों से सटे अतिक्रमण की पोल खोल दी है। विद्यालय प्राचार्य ने रास्ते से अतिक्रमण हटवाने नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है जिसमें जल्द-जल्द अतिक्रमण हटाने की मांग की गई है।

कई सरकारी स्कूल अतिक्रमित 
शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक की सरकारी स्कूलें अतिक्रमण का शिकार हैं। शहर में ही देखें तो कन्या धवारी के अलावा एमएलबी स्कूल भी ऐसे ही अतिक्रमण का शिकार है जिसकी दीवारे दिन में दुकानदारों की दीवार में तब्दील हो जाती हैं। एमएलबी स्कूल की दीवार से सटी दुकानें जहां वहां पढ़ने वाली छात्राओं को परेशानी में डालती हैं वहीं स्टेशन रोड की यातायात व्यवस्था को भी चौपट करती हैं। कन्या धवारी व एमएलबी दोनो ही छात्राओं के विद्यालय हैं ऐसे में इन स्कूलों से सटी दुकानें शोहदों का भी अड्डा बन जाती हैं जो छात्राओं से छीटाकशी कर कई बार विवाद खड़े करते हैं। व्यंकट1, व्यंकट 2 भी अतिक्रमण का शिकार हैं पर इनका एरिया इतना बड़ा है कि इनका अतिक्रमण छात्रों को प्रभावित नहीं करता है। 

पान गुटखा दुकानों के नियम का पालन नहीं 
नियम  है कि स्कूल बाउंड्री से  100 मीटर की दूरी तक पान-मसाला या गुटखे की दुकाने प्रतिबंधित हैं लेकिन कई जगह तो स्कूल बाउंड्री  से सटा कर ही पान गुटखे के ठेल्ो चल रहे  हैं। कई स्कूलों से सटकर ऐसे दुकानें खोली गई हैं कि कोई भी छात्र स्कूल के भीतर से केवन हाथ निकालकर गुटखा खरीद सकता है।

पत्र लिखकर जानकारी मगाई जाएगी। यदि किसी प्राचार्य ने अतिक्रमण की शिकायत की तो प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर अतिक्रमण हटाया जाएगा। 
केएस कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी 

गेट के बाहर ठेले लगते हैं जिससे रास्ता ब्लाक हो जाता है। हमने सोचा कि शायद समझाइश से दुकानदार दिक्कतें समझ लें ।हमने ननि आयुक्त को भी पत्र लिखा  है।
सुभाष चंद मिश्र, प्राचार्य, शासकीय कन्या सेकेंडरी स्कूल धवारी

फिलहाल हमारे पास कोई सूचना नहीं आई है लेकिन यदि कोई प्राचार्य ऐसी शिकायत बताते हैं तो त्वरित कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया जाएगा। सख्ती से अभियान शुरू किया जाएगा। 
रमाकांत शुक्ला, ननि अतिक्रमणरोधी दस्ता प्रभारी