बिजली: आरपीयू रेट बढ़ाने वाले डिवीजन को मिलेगा 5 लाख का इनाम
सतना | पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी ने अपने अधिकारियों को लुभाने और बेहतर परफार्मेंस के लिए एक योजना लाई है जिसे इंसेटिव का नाम दिया गया है। वसूली में जो डिवीजन कंपनी के मापदंडों पर खरा उतरा तो उसे इनाम दिया जाएगा। इसके लिए आरपीयू बढ़ाना होगा और यदि ऐसा करने में संचारण संधारण संभाग कामयाब हुए तो उनको पांच लाख का इंसेंटिव कंपनी द्वारा दिया जाएगा। इस योजना में सतना के भी दो डिवीजनों को शामिल किए जाने का नाम प्रस्ताव में भेजा गया है। हालाकि अभी सतना के दोनो संभागों का नाम स्कीम में लिया जाएगा या नहीं इस पर फैसला एमडी वी किरण गोपाल करेंगे।
सीई को मैहर से उम्मीद
कंपनी की इस योजना में सफलता दिलाने के लिए मैहर और अमरपाटन का नाम भेजा गया है। इधर चीफ इंजीनियर को मैहर से उम्मीद है कि सीआरपीयू बढ़ा कर इंसेंटिव हांशिल करते हुए राजस्व रिकवरी रेट सही करेंगे। दरअसर मैहर में पंकज शुक्ला डीई हैं इससे पहले सतना में बतौर डीई सिटी भी पंकज रह चुके हैं। बकायादारों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मशहूर रहे तेजतर्रार पंकज से कंपनी को ये आस है कि वो मैहर का आरपीयू 4 रुपए से साढ़े चार के उपर ले जाएंगे। वैसे खबरे ये है कि डीई ने पहले स्कीम में शामिल होने से तौबा कर दिया था बाद में सीई के निर्देश पर चुनौती स्वीकारी है।
...तो सीआर का भी खतरा
पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी की इंसेंटिव योजना में जहां आरपीयू बेहतर करते हुए वसूली करने में पांच लाख रुपए का इनाम डिवीजन को है और 15 फीसदी पैसा डीई को मिलना है तो उसे हाशिल करने जहां चुनौती है तो वहीं रिस्क भी कम नहीं है। योजना को स्वीकारने के बाद यदि आरपीयूू न बढ़ा और सवा चार रुपया क्रास न हुआ तो कंपनी के प्रबंध संचालक ने चेतावनी भी दी है कि इसका उल्लेख अधिकारी के सीआर में भी होगा और सीआर खराब की जाएगी। यही एक वजह है कि क्षमता रखने वाले अधिकारी भी योजना ये किनारा कर इंसेंटिव के पांच लाख लेने से तौबा कर रहे हैं।
मैनपावर-गाड़ियों में भी खर्च होगा
योजना के अनुसार जो भी डिवीजन आरपीयूू बढ़ा कर वसूली को बेहतर कर लिया और पांच लाख का इनाम जीत लिया तो उस पैसे से वो मैनपावर लगा सकता है और गाड़ियां अपनी डिवीजन में लगा सकता है। जिससे वसूली और बकायादारों पर कार्रवाई के बाद मेंटीनेंस में आउटसोर्स के कर्मचारी मददगार होंगे। जबकि जेई से लेकर एई और डीई को हिस्सा दिया जाना है जो सीधे उनके खाते में आएगा। हालाकि इसमें पांच लाख पहला,तीन लाख दूसरा और दो लाख पचास हजार का इनाम तीसरा है।
कंपनी में इंसेंटिव ब्रिक्स योजना लाई गई है। राजस्व रिकवरी में जिस डिवीजन का आरपीयू बढ़ेगा और वसूली बेहतर होगी तो कंपनी क मापदंड के अनुसार पांच लाख का इनाम दिया जाएगा। जो डीई व जेई एई को कुद हिस्सा रहेगा बांकी का बजट जरूरतों में खर्च होगा।
संजय भागवतकर, सीजीएम आॅपरेशन पूक्षेविविकं