मध्यप्रदेश में तेजी से सामान्य हो रही है ऑक्सीजन की सप्लाई: CM

भोपाल | मप्र में कोरोना से बिगड़ते हालतों पर सियासत जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कल हमें 350 मैट्रिक टन आॅक्सीजन मिली। जबकि खपत 335 मैट्रिक टन हुई है। आॅक्सीजन की सफ्लाई अब प्रदेश में तेजी से सामान्य हो रही है। स्थानीय तौर पर व्यवस्था कर जिलों में 1,293 आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। केन्द्र सरकार से 20 अप्रैल तक 445 मैट्रिक टन, 25 अप्रैल तक 565 मैट्रिक टन और 30 अप्रैल 700 मैट्रिक टन आॅक्सीजन आपूर्ति पर सहमति प्राप्त हो गई है। आॅक्सीजन की इतनी मात्रा अप्रैल अंत तक अनुमानित मरीजों के लिए पर्याप्त होगी। मुख्यमंत्री निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। कोरोना-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने सुबह से फोन पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

केन्द्रीय मंत्रियों से निरंतर संपर्क और जिलों पर निगरानी
आॅक्सीजन, इंजेक्शन और अन्य सुविधाओं के पूर्ति के लिए केन्द्रीय मंत्रियों सहित व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण सभी व्यक्तियों से वे निरंतर फोन पर संपर्क में है। जिलास्तर पर आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए जिला अधिकारियों से संवाद जारी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। शासकीय और निजी अस्पतालों में 14 अप्रैल को कुल 37 हजार 719 बिस्तर उपलब्ध थे जो अब बढ़कर 40 हजार 276 हो गए हैं। प्रदेश के 50 जिलों में 109 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 6,153 बिस्तर  उपलब्ध हैं। भोपाल में प्रशासन अकादमी में 150, हमीदिया अस्पताल में 300, चिरायु अस्पताल में 300 और एम्स में 500 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में शुक्रवार को छतरपुर में 58 बिस्तर के नर्मदा - अपना हास्पिटल का शुभारंभ हुआ है।

आगामी दिनों में और भयावह हो सकते है हालात 
प्रदेश के हालातों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा- प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। वर्तमान स्थिति में ही अस्पतालों में बेड नहीं है, आॅक्सजीन नहीं है, इंजेक्शन नहीं है। शिवराज सरकार बेडों की संख्या बढ़ाने, आॅक्सिजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी दूर के साथ आवश्यक दवाई व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करे। अन्यथा आगामी दिनों में स्थितियां बिगड़ सकती है।