वायरस को मात देने सही वक्त पर हो बेहतर इलाज: कलेक्टर
सतना | कोरोना वायरस को मात देने के लिए जरूरी है कि सही वक्त पर बेहतर इलाज हो और उसका लक्ष्य भी होना चाहिए। गुरुवार को कलेक्टर ने संक्रमण और उपचार की तकनीकी जानकारी दवा कारोबारी, फार्मासिस्ट, डॉक्टरों को दी है। बैठक कर कलेक्टर ने संक्रमण के दौरान शारीरिक प्रभाव, इलाज और सही इलाज, दवाओं के असरकारक प्रभाव के बारे में पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से लगभग 2 घंटे विस्तार से तकनीकी जानकारी दी। मौके पर सीएमएचओ डॉ. अशोक अवधिया भी उपस्थित रहे।
सही मिले इलाज तो टलेगी मौत
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव, प्रॉपर इलाज सही समय पर मिले तो किसी भी व्यक्ति की मृत्यु कोरोना से नहीं हो सकती। कोरोना में कोई विशेष दवा या इलाज नहीं है। उपचार के लिए दवाएं और विटामिन सप्लीमेंट्री दी जाती हैं। पूरी दुनिया में कोरोना इलाज के बारे में दवाओं की उपयोगिता पर काफी रिसर्च हो चुका है और कोरोना के इलाज की स्थितियां भी साफ हो चुकी हैं। कोरोना में 98 प्रतिशत संक्रमित मरीज सही जानकारी रखें और कोरोना से बचाव के उपचार तथा सावधानियां रखें तो उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जो भी व्यक्ति कोरोना के संक्रमण से ग्रसित हो, वह जल्दी ट्रीटमेंट से शीघ्र स्वस्थ हो सकता है।
संक्रमित मरीज की तीन अवस्थाएं
कलेक्टर श्री कटेसरिया ने कोविड बीमारी का स्वरूप और फैलने की स्थिति, कोरोना संक्रमण में शारीरिक बीमारी की स्थितियां, बीमारी के स्टेज, वायरस संक्रमण का टेस्ट, प्रारंभिक स्टेज के लक्षण और उपचार की दवाएं, इम्यूनिटी बूस्टर सप्लीमेंट, हल्के लक्षणों वाले या एसिप्टोमेटिक मरीजों का उपचार, दवायें, स्पष्ट लक्षणों वाले मरीजों का उपचार, दवाओं की मात्रावार जानकारी पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से दी। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीज की तीन अवस्थाएं होती हैं। प्रि-एक्सपोजर, पोस्ट एक्सपोजर या इनकन्वेंशन, दूसरी अवस्था सिंप्टोमेटिक फेस और तीसरी पलमोनरी इन्फ्लेमेंटरी। मरीज को सातवें दिन के बाद सी-रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट और डि-डायमर टेस्ट भी कराना चाहिए।