अधिकारियों की उदासीनता से अब तक ईको स्मार्ट नहीं बन पाया रीवा रेलवे स्टेशन
रीवा | रीवा रेलवे स्टेशन को केन्द्र की मंशा अनुसार सौ प्रतिशत प्लास्टिक मुक्त बनाना था। जिसमें ईको स्मार्ट स्टेशन बनने से रेल परिसर में प्लास्टिक पूर्ण रूप से बैन हो जाता और इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर भारी भरकम जुर्माना लगाने का भी प्रावधान तैयार किया गया है। साथ ही रेलवे स्टेशन को हरा-भरा बनाने के लिए पौधरोपण भी किए जाने थे मगर दो साल में रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर एक भी पौधा रेलवे विभाग द्वारा नहीं लगाया गया। इसका यह सीधा मतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश और रेलवे द्वारा मिले निर्देशों का पालन यहां के क्षेत्रीय अधिकारियों ने नहीं किया।
यह स्टेशन भी शामिल
रीवा के साथ-साथ सतना, मैहर स्टेशन को भी इस लिस्ट में जोड़ा गया था। मगर कहीं भी प्लास्टिक बैन नहीं हुआ, न ही पौधारोपण रेलवे विभाग द्वारा कराया गया।
यह होता है ईको स्टेशन
आदेश प्रसारित होने के बाद इसमें तेजी देखने को मिली थी। विभाग ने सभी योजनाएं तैयार की थीं मगर उनका क्रियान्वयन नहीं किया गया। ईको स्मार्ट स्टेशन के तहत रेलवे स्टेशन तक वाटर आॅडिट एनर्जी आॅडिट, वेस्ट वाटर एवं सीवरेज वाटर ट्रीटमें जैसी सुविधाएं शुरू होती हैं। साथ ही रेलवे परिभ्रमण क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को हटाना, प्लास्टिक वेस्ट का संग्रहण एवं निष्पादन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वृक्षारोपण यह सभी योजनाएं रेलवे स्टेशन का स्वरूप बदल देंती मगर रीवा रेलवे स्टेशन में इस दिशा में कोई काम नहीं किया गया।
जुर्माना तक नहीं वसूलते
रीवा स्टेशन में सिर्फ यही बोर्ड लगे हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें। जबकि परिसर के अंदर प्लास्टिक लाने वालों के ऊपर अर्थदण्ड का प्रावधान है। उन पर कार्रवाई करना तो क्या रेलवे विभाग गुटखा, सिगरेट बेचने वालों को भी परिसर के अंदर आने देता है। ईको स्टेशन में प्लास्टिक का पूर्णत: बैन करना है। साथ ही वृक्षारोपण होने से हरियाली एवं शुद्ध हवा स्टेशन का पर्यावरण सुधारने में उपयोगी साबित होगी।