रेलवे यात्री सावधान: बिना आपरेटर चालू हुई लिफ्ट, 10 से ज्यादा न चढ़ें

सतना | डेढ़ माह के इंतजार के बाद एक बार फिर स्टेशन में लिफ्ट चालू कर दी गई है लेकिन सावधान अगर एक साथ 10 से ज्यादा पैसेंजर चढ़ रहे हैं तो रुक जाइए। क्योंकि लिफ्ट की निर्धारित क्षमता से 10 से ज्यादा नहीं है। फिर भी चढ़े तो बीच में फंसना या दम घुटना तय है। रेलवे भी सूचित कर रहा है लेकिन अब यात्रियों को यहां  रोकनें वाला कोई नही होगा क्योंकि रेलवे ने इस साल बिना आपरेटर ही लिफ्ट को संचालित करने का मन बना लिया है।

बताया गया कि सतना, मैहर स्टेशन में 1 जनवरी से लिफ्ट बिना आपरेटर के चालू करवा दी गई है । उल्लेखनीय है कि जबलपुर मंडल अर्न्तगत  स्टेशनों मे लिफ्ट का संचालन निजी हाथों मे दिया गया था जिसका ठेका 15 नंवबर को खत्म हो गया जिसके बाद लिफ्ट में ताला लग गया और संचालन बंद कर दिया गया था।

रेलवे ने एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में जाने वाले बुजुर्ग एवं  दिव्यांग मरीज यात्रियों की राह आसान करने के लिए स्टेशन में लिफ्ट की सुविधा दी है। आपरेटरों की व्यवस्था इसलिए की गई थी कि कम पढेÞं लिखें लोग भी आपरेटर की मदद से लिफ्ट का यूज कर सकें। जानकारों के अनुसार आपरेटर का होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर लिफ्ट बीच में फसती है तो आपरेटर उनकी मदद कर सकता है।

फरवरी में हो चुकी है घटना 
बताया जाता है कि फरवरी माह में लिफ्ट में एक साथ 15 पैसेंजर चढ़े थे जिसमें ओव्हरलोड होने की वजह से लिफ्ट बीच में ही फंस गई थी और लोगों का दम घुटने लगा था। जब अलार्म ब्सटन दबाया गया  तो उसके बाद आपरेटर ने पैनल को चाबी से खोलकर गेट खोलकर यात्रियों को बाहर निकाला था। वहीं कई बार बेवजह वेंडरों द्वारा व बिना टिकट यात्रियों के द्वारा भी लिफ्ट के मिस यूज करने का वाकया भी देखने को मिला है। 

बचत पर जोर दे रहा रेलवे 
कोरोना काल मे यात्री राजस्व काफी घट गया है। ऐसे मे रेलवे अपने खर्चो पर कटौती करना शुरू कर दिया है। बताया गया कि स्टेशन सफाई मे जहां बजट घटा दिया गया है वही लिफ्ट के टेड़र भी नही किए गए और बिना अपरेटर ही लिफ्ट का संचालन शुरू करवा दिया गया। हांलाकि जब तक टेंडर चल रहा था तब तक 24 घंटे आपरेटर रखे जाते थे ताकि लिफ्ट की सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा के  साथ कोई खिलवाड़ न हो। लेकिन अब आपरेटर बेरोजगार हो गए हैं। बताया गया है कि आपरेटरों ने सांसद से मुलाकात कर मंडल रेल प्रबंधक को ज्ञापन सौपा था जिसमें सांसद ने फिर से आपरेटरों के रखे जाने की बात पत्र में कही थी लेकिन रेलवे इसको तवज्जो देता नही दिख रहा है।