मंत्री ने स्वीकारा, स्कूलों में रखे जा रहे किराए पर शिक्षक

मंत्री ने स्वीकारा, स्कूलों में रखे जा रहे किराए पर शिक्षक

कहा मेरे जिले में सौ से ज्यादा ऐसे शिक्षक
भोपाल। राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह ने खुद एक सार्वजनिक मंच से स्वीकारा है। उन्होंने स्कूलों में शिक्षकां द्वारा किराए पर दूसरे शिक्षक रखने की बात को स्वीकार करते हुए इनकी संख्या पांच सौ बताई है। मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि उनके जिले नर्मदापुरम में ही सौ शिक्षक ऐसे हैं, जो स्कूल नहीं जाते उनके स्थान पर किराए के शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं।
दरअसल शिक्षा मंत्री उदयप्रताप सिंह ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म दिन पर उदयपुरा के बरेली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंच से स्वीकार की। उन्होंने कहा कि शिक्षका व्यवस्था लचर है। हमें आपकी समस्याएं पता हैं, पर आपको भी अपनी चीजे सुधारने की जरूरत है। आए दिन स्कूल की खबरे पेपर में आती रहती हैं। मुझे खुद ऐसे 500 शिक्षकों का पता है जो अपने बदले 10-15 हजार के दूसरे शिक्षक रखे हुए हैं। मेरे जिले में ही 100 शिक्षक ऐसे हैं, हालांकि वो इन पर कार्रवाई की बात पर वे बचते नजर आए। मंत्रीजी इतना तक कह गए कि मेरी सुरक्षा में लगे गार्ड की सैलरी महज 32 से 34 हजार रुपये है। ड्यूटी 24 घंटे साल भर करता है। मंत्री जी ने सिपाही का उदाहरण देते हुए शिक्षकों को खरी खरी सुनाते हुए कहा सिपाही 32 ,34 हजार में काम कर रहा है और आप 80 हजार लेकर भी उतना काम नहीं कर पा रहे। यही दुखद वजह है कि प्रदेश में निजी स्कूल फल फूल रहे है।  महज 28 से 30 लाख बच्चे ही निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, लेकिन आपके कंधों पर लगभग 90 लाख बच्चों की जिम्मेदारी है। नई शिक्षा नीति छात्रों को अच्छी शिक्षा देने की ओर एक कदम है। आप सभी को साथ देना होगा।
कांग्रेस हुई हमलावर, कहा कार्रवाई क्यों नहीं करते
मंत्री के बयान को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने खुद कबूल किया कि 500 शिक्षक स्कूल नहीं जाते और किराए पर लोग लगा रखे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी यह कितनी शर्म की बात है कि आपके मंत्री को पता है कि स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, लेकिन कार्रवाई करने के जगह मंच से इसका महिमामंडन कर रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री की यह स्वीकारोक्ति चिंता का विशय है। उन्होंने कहा कि आपका मंत्री का स्वीकारना और फिर भी कार्रवाई न करना मंत्री और सरकार कमजोरी ही तो मानी जाएगी। कम से कम अपने जिले के उन 100 शिक्षकों पर तो कार्रवाई कीजिए जिनका आप नाम पता जानते हैं। बेहतर हो कि अपनी विफलता को छुपाने के बजाए हिम्मत बटोरकर कार्रवाई करें। यदि नहीं करते तो अपने पद से इस्तीफा दे दीजिए, क्योंकि, 500 मक्कार शिक्षकों की जानकारी होते हुए आपका चुप रहना अनुचित है।