केन्द्रों मेें धान रेडी टू ट्रांसपोर्ट, ट्रकों का इंतजार

सतना। कभी बारदानों की कमी तो कभी परिवहन में लेट लतीफी। यह समस्या पूरे धान उपार्जन के दौरान देखने को मिली। अब जब कि खरीदी का काम बंद हो गया है तब भी परिवहन ठेकेदार की मनमानी से धान का उठाव नहीं हो रहा। हालत यह है कि जिले के डेढ़ दर्जन से अधिक केन्द्रों में हजारों एमटी धान परिवहन के लिये रखी हुई है पर ट्रकों का पता नहीं है। सहकारी बैंक की ओर से भी लगातार नान को सूचना भेजी जा रही है पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

सहकारी बैंक के सूत्रों के अनुसार इस साल के धान उपार्जन में परिवहन की व्यवस्था पिछले सालों से भी बदतर है। केन्द्रों में कई दिनों पहले हजारों क्विंटल धान परिवहन के लिये रेडी कर दी गई थी। अब तो अधिकांश केन्द्रों में जो शेष मात्रा बची थी वह भी रेडी टो ट्रांसपोर्ट की स्थिति में है पर परिवहन ठेकेदार द्वारा ट्रक भेजने में लापरवाही का प्रदर्शन किया जा रहा है। बेला, रौड़, गंजास, बसुधा, खुटहा, लगरगवां, भटनवारा, पोड़ी कला, मगरौरा, प्रतापपुर, बाबूपुर, धौरहरा, मझगवां समेत डेढ़ दर्जन केन्द्रों में 15 हजार एमटी से अधिक धान ट्रकों के इंतजार में रखी हुई है। खरीदी करने वाली समिति के प्रबंधकों की ओर से लगातार इसकी जानकारी सहकारी बैंक को भेजी जा रही है और वहां से महाप्रबंधक नान अधिकारियों को इसकी जानकारी दे रहे हैं पर ट्रकों को लेकर हो रहा इंतजार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा।

इधर भुगतान रुकने का खतरा
जिले में गोदामों में रिजेक्ट धान को अपग्रेड कर दोबारा जमा न कराने के चलते सैकड़ों किसानों के भुगतान में देरी होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। सूत्रों के अनुसार जिले में इस साल के धान उपार्जन में करीब 4 लाख एमटी धान की खरीदी की गई है। इसमें शनिवार की स्थिति में 8 हजार एमटी से अधिक धान गोदामों में जमा कराने के दौरान गुणवत्ता में कमी के चलते सर्वेयरों द्वारा रिजेक्ट की गई थी। इसको दोवारा अपग्रेडकर गोदाम में जमा कराना था पर अभी तक साढ़े तीन हजार एमटी को समितियों द्वारा अपग्रेड नहीं कराया गया।