धान खरीदी बंद, जिले में रिकार्ड तोड़ आठ लाख क्विंटल धान खरीदी

सिंगरौली। जिले में आखिरी दिन यानी बुधवार तक धान की रिकार्डतोड़ खरीदी की गई। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग आठ लाख क्विंटल धान की खरीदी जिले में की गई है। जो रिकार्डतोड़ खरीदी मानी जा रही है। इससे पहले कभी भी इतनी खरीदी नहीं की गई थी। जबकि  जिला प्रशासन ने खरीदी का लक्ष्य छह लाख क्विंटल तय कर रखा था।

मतलब, लक्ष्य से ज्यादा की खरीदी की गई। हालांकि भण्डारण की समस्या बनी हुई है। जानकारी के लिए बताते चलें कि वर्ष 2008 में जिले का गठन यिा गया था। गठन से आज तक यह जिला उत्पादन के मामले में कभी भी आत्मनिर्भर नहीं बन सका था। मगर, अब ऐसा लगने लगा है कि यह जिला आत्मनिर्भरता की ओर जा रहा है।

2 दिसम्बर से शुरू थी खरीदी
बतादें कि  जिले में धान की खरीदी 02 दिसम्बर से शुरू हो गई थी। खरीदी की आखिरी ारीख 20 जनवरी थी। लेकिन करीब दो सौ किसानों को खरीदी से संबंधित टोकन जारी कर दिया गया था। इसलिए खरीदी 22 जनवरी शाम पांच बजे तक चली। खरीदी को लेकर  28 केंद्र बनाये गये थे। इस बार केन्द्र सरकार ने 18.20 र प्रति क्विंटल तय किया था।

खरीदी का बढ़ता गया लक्ष्य

वित्तीय वर्ष    बढ़ता ग्राफ  
15-16           1.20 लाख
16-17           3.72 लाख
17-18           4.34 लाख
18-19           5.5 लाख 
19-20           8.0 लाख

12595 किसानों ने बेचा धान
जिले के 12595 किसानों ने आठ लाख क् िवंटल धान सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचा। खरीदी के बदले में लगभग 1.4 अरब रु भुगतान किये गये।

भण्डारण बन रही समस्या
 सबसे बड़ी दिक्कत भण्डारण को लेकर हो रही है। जिले में सिर्फ दो लाख क्विंटल धान रखने की जगह है। अब तक 50 फीसदी खरीदा धान कीडिलीवरी की जा सकी है। बाकी धान क्रय केन्द्रों में ही पड़ा है। सवाल यह कि छह लाख क् िवंटल धान का भण्डारण कहां किया जाएगा?  हालांकि प्रशासन कृषि उपज मंडी में गोादाम बना रहा है।

कृषि विभाग गदगद
रिकार्डतोड़ खरीदी से कृषि विभाग गदगद है। विभाग का मानना है कि किसानों को सही वक्त पर अच्छे किस्म के बीज मुहैया कराये जा रहे हैं। जिसका परिणाम अब सामने देखने को मिल रहा है। उपसंचालक कृषि आशीष पाण्डेय बताते हैं कि अभी इस जिले में और अनाज उत्पादन की संभावना है। अगले साल कमियों को पूरा किया जाएगा। ताकि खरीदी दस लाख क् िवंटल तक हो सके।