प्रायोगिक कक्षाओं से होगी महाविद्यालयों की शुरुआत

रीवा | नए साल से अध्ययन-अध्यापन के लिए लगभग दस महीने बाद कॉलेजों के दरवाजे खुलने वाले हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण अब तक महाविद्यालयों में भौतिक कक्षाएं बंद चल रही थीं जिन्हें शुरू करने का फैसला राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग ने लिया है। एक जनवरी से सिर्फ प्रायोगिक कक्षाएं लगेंगी और 10 जनवरी से मात्र स्रातक अंतिम वर्ष और स्रातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की कक्षाएं प्रारंभ होंगी और 20 जनवरी से समस्त शेष कक्षाएं शुरू होंगी। कॉलेजों को कक्षाओं के संचालन के लिए कई प्रोटोकाल का पालन करना होगा।

कॉलेज की भौतिक कक्षाओं के समानांतर आॅनलाइन कक्षाएं भी यथावत संचालित रहेंगी। हालांकि दोनों कक्षाओं के संचालन का समय अलग-अलग होगा। छात्रों को कॉलेज आकर लेक्चर लेने की कोई बाध्यता नहीं रहेगी। कॉलेज आकर पढ़ना और उनकी उपस्थिति स्वेच्छिक होगी। परीक्षा, छात्रवृत्ति, प्रोत्साहन आदि योजनाएं जिसमें विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य रहती है उन्हें विलोपित कर दिया गया है। कॉलेज की लाइब्रेरी खुलेंगी मगर वहां बैठकर पढ़ाई नहीं होगी बल्कि किताबों का आदान-प्रदान होगा। इसके अलावा छात्रों को अपने अभिभावकों से लिखित में सहमति पत्र जमा करना होगा।

6 फिट की दूरी पर लगानी होगी बेंच
कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए कॉलेजों का सिटिंग अरेंजमेंट सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार होना होगा और बेंच 6 फिट की दूरी पर रखी जाएंगी। इसके अलावा सेनेटाइजेशन, हाइजीन, एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी प्राचार्य, कुलपति, कुलसचिव की होगी। इसके अलावा सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के पास मास्क होना अनिवार्य होगा।

बिना आईडी कार्ड के नहीं मिलेगा प्रवेश
उच्च शिक्षा विभाग ने यह सख्त निर्देश दिए हैं कि कॉलेज में आने वाले स्टाफ, शिक्षक, छात्र सभी को आईडी कार्ड पहनना होगा जिसकी नियमित जांच होगी। किसी बाहरी आदमी को कॉलेज के अंदर प्रवेश नहीं दिया जाएगा और छात्र संख्या अधिक होने पर उन्हें बैच में विभाजित किया जाएगा। साथ ही 50 प्रतिशत छात्रों को कक्षाओं के रोटेशन के आधार पर संचालित किया जाएगा। इसके अलावा कंटेनमेंट क्षेत्र से आने वाले छात्रों या अन्य कॉलेज के स्टाफ को संस्थान में प्रवेश निषेध रहेगा और कंटेनमेंट एरिया वाले कॉलेज संचालित नहीं होंगे।