श्रीराम को अवतार या महापुरुष मानने वाले मुस्लिमों से धन लेने में गुरेज नहीं: विश्व हिंदू परिषद
भोपाल | श्रीराम को अवतार या महापुरुष मानने वाले मुस्लिमों से मंदिर निर्माण के लिए निधि संग्रहण करने में कोई गुरेज नहीं है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कही। वे बुधवार को विश्व संवाद केंद्र में मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए देश के छह लाख में से चार लाख गांवों में जाने की योजना थी, पर विभिन्न स्तरों पर बैठकों के बाद तय किया है कि अब 5.25 लाख गांवों में जाएंगे और 11 की बजाय 13 करोड़ परिवारों से निधि संग्रह करेंगे।
मध्यप्रदेश में 50 हजार गांव और सवा करोड़ परिवारों में साढ़े छह करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। आलोक कुमार ने कहा कि मंदिर निर्माण में सरकार का सहयोग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह काम ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से हो। इसलिए तीन बैंकों में निधि जमा की जाएगी। पांच लोगों की टीम निधि इकठ्ठा करेगी। इनके ऊपर एक संग्राहक होगा, जो टीमों से राशि लेकर हर 48 घंटे में बैंक में जमा करेगा। उन्होंने बताया कि 10 से 1000 रुपए के कूपन रहेंगे और 2000 रुपए या उससे अधिक राशि पर रसीद दी जाएगी।
राशि आयकर की धारा 80 जी के तहत कर मुक्त होगी
सरकार के ई-धन संग्रह पर जोर के बावजूद कूपन व रसीद से निधि इकठ्ठा करने के सवाल पर आलोक कुमार ने कहा कि हर काम मोदी जी से पूछकर होता है क्या? विहिप ने बताया है कि निधि संग्रह के दौरान दी गई राशि आयकर की धारा 80जी के तहत कर मुक्त होगी। आलोक कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2024 तक रामलला के मंदिर के गर्भग्रह में दर्शन कराना है। मंदिर के पिलर तैयार करते हुए कुछ दिक्कत आई है।
आठ करोड़ इकठ्ठा किए
वर्ष 1990 में विहिप द्वारा किए गए निधि संग्रह का क्या हुआ, पूछे जाने पर आलोक कुमार ने बताया कि उस समय आठ करोड़ रुपए इकठ्ठा हुए थे। जिनके पत्थर लाए गए और उन्हें तराशा गया। इसमें से कुछ राशि बची है।
घटनाओं पर दुख और चिंता
आलोक कुमार ने निधि संग्रह से पहले मप्र में हुई दो घटनाओं पर दुख और चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस पूरे आंदोलन में टकराव की स्थिति नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बन रहा है, तो मस्जिद के लिए भी वहीं जगह मिली है। निधि संग्रहण के दौरान जुलूस निकालने पर बोले कि ऐसा नहीं करेंगे, पर कोई भजन-कीर्तन करता है, तो उसे रोकेंगे भी नहीं। पर किसी भी सूरत में टकराव की स्थिति नहीं बनने देंगे।
श्रीराम मंदिर आंदोलन को बदनाम नहीं होने देंगे
उज्जैन और इंदौर में हुई घटनाएं आगे न हों, इस सवाल पर उन्होंने कहा- हमारे आंदोलन को बदनाम न कर सकें। इसकी हम सतर्कता बरतेंगे। कानून व्यवस्था मेंटेन करने वाली एजेंसीज को भी कहेंगे कि वो भी सतर्कता रखें। हम विश्वास करते हैं कि भारत की जनता परिपक्व है। जैसा सबने पहले से मन बनाया था, वैसा फैसला आने के बाद कोर्ट के निर्णय को स्वीकार किया है। हम शांति और सौहार्द्र बनाने के लिए संकल्पित हैं। मकर संक्रांति यानि 15 जनवरी से माघी पूर्णिमा तक यानि 27 फरवरी तक इस काम को करके सभी साधन जुटाएंगे।