सेवानिवृत्ति के दिन ही कर्मचारियों को पेंशन के सभी लाभ देगी सरकार
भोपाल | नए साल का दिन मप्र के कर्मचारियों को लेकर खुशखबरी लाया। लंबे समय से इंतजार कर रहे कर्मचारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार रिटायरमेंट के दिन ही उन्हें पेंशन सुविधा के सभी लाभ देगी। इस संबंंध में वित्त विभाग ने सभी डिविजनल कमिश्नर और कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पेंशन संबंधी सभी दस्तावेजों को पूर्ण करें और रिटायर होने पर कर्मचारियों को पेंशन संबंधी भुगतान किया जाए। दरअसल, हर साल हजारों सरकारी कर्मचारी रिटायर होते हैं, लेकिन अधिकांश के पेंशन प्रकरणों का निराकरण वर्षों तक नहीं होता। एरियर से लेकर नए वेतनमान की राशि के भुगतान के लिए बाबुओं से लेकर अधिकारी टालमटोल करते रहते हैं।
वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनोज गोविल ने पेंशन के प्रकरणों में कमिश्नर, कलेक्टर से मॉनिटरिंग करने के लिए भी लिखा है, जिससे ऐसे कर्मचारियों या उनके आश्रितों को पेंशन के मामले में परेशानी ना हो। इसके साथ पेंशन प्रकरणों के निपटारे के लिए लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हो रही है। बता दें कि फरवरी 2021 तक प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं।
सरकार की मंशा इन कर्मचारियों को रिटारयमेंट वाले दिन ही सभी तरह के भुगतान करने की है।
इंदौर में 105 मामलों का निराकरण
इंदौर में कर्मचारियों के सबसे ज्यादा 117 प्रकरण पेंडिंग हैं, लेकिन अब वित्त विभाग ने प्रदेश में कर्मचारियों के पेंडिंग पेंशन मामलों का भी तत्काल निराकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। इंदौर, भोपाल, सागर संभाग में पेंशन के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए बैठकें हो चुकी हैं। इंदौर में 117 पेंशन मामले वर्षों से लंबित थे। इसमें से 105 का निराकरण कर दिया गया है।
ईओडब्ल्यू में फंसे प्रकरण
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में 2577 कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके प्रकरण ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में फंसे हैं। ऐसे कर्मचारियों के प्रकरणों की वर्तमान स्थिति की जानकारी डायरेक्टर पेंशन ने बुलाई है। इन कर्मचारियों के प्रकरणों का निपटारा जल्द किया जाएगा।
नहीं मिल पाया लाभ
पिछले साल 31 मार्च को रिटायर हुए डेढ़ हजार कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। 24 मार्च को देश में लॉकडाउन होने के बाद सरकारी कार्यालय बंद होने के कारण उनकी पेंशन तय नहीं हो पाई थी। इसके कारण रिटायरमेंट के बाद के अन्य लाभ नहीं मिल पाए थे।