भू-माफिया की सांठगांठ नक्शे से गायब हुई जमीन
रीवा | नक्शे में बीस वर्ष पूर्व जिस जमीन का विधिवत नक्शा तरमीम किया गया हो, वह बीस वर्ष बाद नक्शे से गायब हो जाए यह कारनामा शायद पहली बार सुनने को मिल रहा है। एक ऐसा ही मामला तहसील रायपुर कर्चुलियान के कोष्टा ग्राम से आया है जहां पर वर्ष 2000 में आराजी नंबर 1095/1/2 एवं 1095/1/3 का नक्शा तरमीम किया गया था, वह अब नए नक्शे से गायब हो गई है। भूमि स्वामी ने इस कारनामे को भू-माफिया की सांठगांठ से राजस्व अधिकारियों पर आरोप लगाया है। ताज्जुब की बात यह है कि 13 बार सीएम हेल्प लाइन में शिकायत किए जाने के बाद भी इसका निराकरण अब तक नहीं हो पाया है।
राजस्व रिकार्डों में छेड़छाड़ कर गायब कर दी गई जमीन के कई मामले अब तक प्रकाश में आ चुके हैं परंतु ऐसा मामला शायद पहली बार सामने आया है जिसमें नक्शा तरमीम के बाद नए नक्शे से भूमि स्वामी की जमीन ही गायब कर दी गई है। कोष्टा निवासी राजीव तिवारी द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि उनकी जमीन के बगल में द्वारिका प्रसाद द्वारा केपी पटेल को एक भूमि का बिक्री अनुबंध किया गया था।
उसके बाद उनके द्वारा जब बगल की भूमि पर रोड डालने का काम शुरू किया गया था, तब इसकी शिकायत की गई। तहसील न्यायालय, एसडीएम न्यायालय तथा थाना रायपुर कर्चुलियान में की गई शिकायत के बाद उन्हें न्याय नहीं मिला, तब सिविल न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया और उन्हें स्थगन प्राप्त हुआ। बावजूद राजस्व अधिकारियों द्वारा भू-माफिया को लाभ देने के लिए कोष्टा ग्राम की भूमि खसरा क्रमांक 1095/1/2, रकबा 0.020 हेक्टेयर एवं आराजी नंबर 1095/1/3 रकबा 0.65 हेक्टेयर नए नक्शे से गायब कर दिया गया। ताज्जुब की बात यह है कि बगैर भूमि का नाप किए ही जहां पर उक्त नंबर की जमीन नक्शे में दर्ज थी, उसे गायब कर दिया गया है।
बीस वर्ष पूर्व हुआ था नक्शा तरमीम
रायपुर कर्चुलियान तहसीलदार द्वारा वर्ष 2000 में प्रकरण क्रमांक 10अ/98-99 आदेश दिनांक 16.3.2000 में नक्शा तरमीम किया गया था। तहसील द्वारा विधिवत किए गए आर्डर के बाद नक्शे में उक्त नंबर को दर्ज किया गया था जो नए नक्शे में गायब दिख रहा है। वहीं राजस्व अधिकारियों ने भी नक्शे में भूमि न होने की बात कहकर अन्यत्र जमीन होने की बात कह रहे हैं। रविवार को भूमि स्वामी राजीव तिवारी द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि भू-माफिया के इशारे पर राजस्व अधिकारियों ने उक्त भूमि पर बड़ा खेल किया है।
13 बार हुई सीएम हेल्प लाइन में शिकायत
ग्राम कोष्टा की आराजी नंबर 1095/1/2 एवं 1095/1/3 का नए नक्शे से गायब हो जाने की शिकायत सीएम हेल्प लाइन में 13 बार की गई है। शिकायत के बाद भी अब तक उस संबंध में कार्रवाई नहीं हो पाई है। न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन के बाद भूमि की जांच करने के लिए तहसीलदार रायपुर कर्चुलियान को जिम्मेदारी सांैपी गई थी परंतु उनके द्वारा भी बगैर नाप किए ऐसे व्यक्ति के सामने भूमि का न होना बता दिया गया, जो खुद जमीन की खरीद और बिक्री का धंधा करता है। श्री तिवारी द्वारा लगाए गए आरोप में स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी भू-माफिया के इशारे पर काम कर रहे हैं।
फाइल भी कर दी गायब
बीस वर्ष पूर्व तत्कालीन तहसीलदार द्वारा किए गए नक्शा तरमीम के आदेश की फाइल भी तहसील कार्यालय से गायब हो गई है। फाइल गायब होने के संबंध में राजीव तिवारी ने जो आरोप लगाया है, वह चौंकाने वाला है। उनके द्वारा बताया गया कि प्रकरण क्रमांक 10अ/98-99 आदेश दिनांक 16.3.2000 को किए गए नक्शा तरमीम के फैसले की फाइल राजस्व अधिकारियों द्वारा गायब करा दी गई है। भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए इस कार्य का दोषारोपण तहसील रायपुर कर्चुलियान के राजस्व महकमे पर लगाया गया है।
सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जिन जमीनों के फैसले पूर्व में किए गए हैं, उनकी फाइल गायब हो जाना राजस्व अधिकारियों को संदेह के दायरे में ला देता है। विजय तिवारी की भूमि का नक्शा तरमीम के लिए जो आदेश 20 वर्ष पूर्व पारित किया गया था, वह तहसील कार्यालय में नहीं मिल रही है। आरोप लगाया गया है कि उक्त फाइल ढूंढने के लिए पूरे कार्यालय के दस्तावेज खंगाले गए परंतु कई फाइलें इसके पूर्व की भी देखी गई हैं जबकि उक्त फाइल जिसमें नक्शा तरमीम का आदेश था वह गायब हो गई है।