पशु पालन विभाग: भोपाल से आए जेडी ने फिर दिया डोज, 25 तक मिला अल्टीमेटम

सतना | पशु पालन विभाग के स्थानीय से लेकर भोपाल स्तर तक के अधिकारियों की इन दिनों नींद उड़ी हुई क्योंकि इस बार कागजों में नहीं आॅनलाइन एक-एक लगे टीके व पशु की जानकारी देनी है। एफएमडी के टीके तो लग गए,लेकिन किए गए कार्य का डाटा आॅनलाइन करने में विभाग को पसीनें छूट रहे हैं। यह तीसरी बार है जब बुधवार को एक बार फिर  पशुपालन विभाग के संयुक्त संचालक भोपाल डा. आरके मेहिया ने रीवा संभाग के संयुक्त संचालक राजेश मिश्रा एवं उप संचालक राजेश कुमार मिश्रा के साथ समीक्षा बैठक की है। इस बैठक में सभी वेटनरी डाक्टर, एवीएफओ शामिल थे।

25 मार्च तक आॅनलाइन फीडिंग का काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि समीक्षा बैठक के दौरान जिम्मेदारों से सवाल जवाब भी किया है जिसमें जेडी ने फटकार लगाते हुए पूछा कि आखिर क्यों टारगेट पूरा करने में इतना समय लग रहा है।  उल्लेखनीय है कि पहली बार देश भर में एक साथ नेशनल एनीमल डिसीज कन्ट्रोल प्रोग्राम चलाया गया। इसके तहत पशुओं में होने वाली संक्रमित बीमारी खुरपका- मुंहपका रोग के टीके लगाए जाने थे, साथ ही इयर टैगिंग, पशु हेल्थ कार्ड एवं वैक्सीन की फीडिंग की जानी थी लेकिन प्रदेश में सतना जिले की स्थिति प्रथम चरण में सबसे खराब रही।

पहले के चक्कर मे अटक रहा दूसरा चरण 
बताया जाता है कि प्रथम चरण का काम तय समय से काफी पीछे  चल रहा है। जानकारों के अनुसार जब तक पहला चरण पूरा नहीं होगा तब तक दूसरे चरण की शुरूआत नहीं हो सकता। पिछली बार की हुई समीझा बैठक में 22 फरवरी तक आॅनलाइन फीडिंग का काम पूरा करने के निर्देश दिए थे। लगभग 70 प्रतिशत आॅनलाइन का कार्य पूरा हो गया है। रामनगर ब्लाक की हालत सबसे खराब है।

राष्टीय कृ त्रिम गर्भाधान की भी पुअर रिपोर्ट 
समीक्षा बैठक में राष्टीय कृ त्रिम गर्भाधान प्रोगाम की रिपोर्ट पर सतना की स्थिति ठीक नहीं बताई जाती है। इसमें भी अॉनलाइन फीडिंग में जमकर डांट पड़ी है। बताया जाता है कि जिले में लगभग 500 गांव में फ्री में एआई को लेकर प्रोग्राम चल रहा है।