घोड़ा देवी मंदिर में अवैध निर्माण, वैध मालिकाना हक साबित करने डेड लाइन 31 तक

सतना | मझगवां रेंज के सरभंगा स्थित घोड़ा देवी मंदिर परिसर को अतिक्रमण कारियों के चंगुल से मुक्त कराने की मांग कर रहे सांधु-संत व ग्रामीणों की मांग पूरी होती दिखाई दे रही है। वन भूमि पर अवैध पक्का निर्माण करने वालों के खिलाफ वन विभाग ने दो साल पुराने अतिक्रमण के खिलाफ दर्ज प्रकरण को आधार बनाकर उसे पुन: कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विभागीय हवाले से जारी अधिकृत सूचना में डीएफओ राजीव मिश्रा ने बताया गया है कि, पिपरीटोला बीट के कक्ष क्रमांक पी-812 घोड़ादेवी मंदिर परिसर में लम्बाई 10.76 मीटर,चौड़ाई 5.65 मीटर,ऊंचाई 3.40 मीटर अवैध निर्माण होना पाया गया। मौके से सेटरिंग सामग्री ,बल्ली गोलाई वर्ग 21.30 से.मी,लम्बाई2-3 मीटर 70 नग एवं  सतकठा सेटरिंग प्लेट 40 नग,लोहा छड़ 3 सूत के 12 नग तथा 2 सूत के 8 नग,फावड़ा 4 नग,गैती 1 नग,तगाड़ी 10 नग,डिब्बा 2 नग,आइसोलेटेड वायर 1 बडंल पीपरीटोला बीट से जप्त कर वन अपराध प्रकरण क्रमांक 493 /01 दो साल पहले 7 मार्च 2017 को दर्ज किया गया था।

मिश्रा ने बताया, अवैध रूप से बनाए गए भवन का मालिकाना हक एवं अधिपत्य पेश करने वालों को 31 जनवरी की सुबह 11 बजे तक की डेडलाइन दी गई है। यदि समय-सीमा में वन भूमि में किए गए निर्माण के वैध दस्तावेज नहीं दिखाए जाते या अपने कथन के पक्ष में गवाह या सबूत नहीं दे पाते अथवा समयावधि में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करते तो प्रकरण में भारतीय अधिनियम 1972 की धारा 80 अ के अधीन एक पक्षीय आदेश पारित कर शासन के पक्ष में भवन राजसात कर बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।