अमिताभ इंटरप्राइजेज में जीएसटी का छापा, 90 लाख तक की कर चोरी उजागर होने की संभावना

रीवा | ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों की सप्लाई करने वाले अमिताभ इंटरप्राइजेज मऊगंज में जीएसटी ने छापा मारकर फर्म को सीज कर दिया है। फर्म संचालक के मौके पर मौजूद न होने के चलते यह अभी पता नहीं लग सका है कि कितने लाख रुपए की कर चोरी की गई है। परंतु टीम का यह मानना है कि अमिताभ इंटरप्राइजेज द्वारा की गई सप्लाई में 25 लाख से 90 लाख रुपए के बीच की कर चोरी उजागर होने की संभावना है। फिलहाल उक्त फर्म को सीज कर संचालक को सूचना दे दी गई है। माना यह जा रहा है कि शनिवार को दस्तावेजों की पड़ताल संचालक की मौजूदगी में की जाएगी।

जिले की कई फर्मों में जीएसटी टैक्स की चोरी करने के मामले में की गई छापामार कार्रवाई में अब तक 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की कर चोरी उजागर होने का मामला सामने आया है। शुक्रवार को मऊगंज स्थित अमिताभ इंटरप्राइजेज में जीएसटी की 12 सदस्यीय टीम ने छापामार कार्रवाई की है। हालांकि उक्त फर्म से किसी भी तरह का दस्तावेज टीम को हाथ नहीं लगे हैं। बताया गया है कि अमिताभ इंटरप्राइजेज के संचालक अमिताभ सिंह किसी निजी काम से बाहर गए हुए हैं। जो मौके पर नहीं मिल सके। ऐसे में जीएसटी की टीम ने उक्त फर्म को सीज कर संचालक को सूचित कर दिया है।

ग्राम पंचायतों में मचा हड़कम्प
मऊगंज स्थित अमिताभ इंटरप्राइजेज की फर्म में जीएसटी की छापामार कार्रवाई से आसपास की ग्राम पंचायतों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई है। गौर करने वाली बात यह है कि ज्यादातर ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री के नाम पर केवल बिल बाउचर लिए जाते हैं। जिसकी राशि में सप्लायर एवं ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव फर्जीवाड़ा कर बगैर निर्माण के ही वह राशि हजम कर लेते हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है इस तरह के मामले इसके पहले भी सामने आ चुके हैं। जहां बगैर निर्माण कार्य ही सरपंच सचिवों ने सप्लायर से मिलकर फर्जी बिल का भुगतान किया है। 

5 करोड़ की कर चुके सप्लाई
जनपद पंचायत हनुमना अंतर्गत मऊगंज में अमिताभ इंटरप्राइजेज की फर्म संचालित है जिसके द्वारा आसपास की ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए सामग्रियों की सप्लाई की जाती है। अमिताभ इंटरप्राइजेज के संचालक अमिताभ सिंह द्वारा अभी तक ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री के नाम पर 5 करोड़ रुपए की सप्लाई दर्शाई गई है। वहीं जिस मात्रा में निर्माण सामग्री की सप्लाई की गई है, उस हिसाब से जीएसटी टैक्स नहीं जमा किया गया है। जानकारी के बाद जीएसटी की टीम ने शुक्रवार को उक्त फर्म पर दबिश दी है। संचालक के बाहर जाने के चलते किसी भी तरह के दस्तावेज जीएसटी टीम को हाथ नहीं लगे हैं। लिहाजा वह फर्म को सीज कर आगे की कार्रवाई के लिए अगला दिन निश्चित किया है।

कार्रवाई में ये रहे शामिल
मऊगंज में अमिताभ इंटरप्राइजेज नाम की फर्म पर जीएसटी की 12 सदस्यीय टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई में एसटीओ दिलीप सिंह, गरिमा शुक्ला, पियूष तिवारी, एसटीआई शैलेन्द्र पाण्डेय, सचिन जैसवाल, प्रसून मिश्रा, विकास सिंह बघेल समेत अन्य लोग शामिल थे। शुक्रवार को की गई  यह कार्रवाई संचालक के मौजूद न होने से अधूरी रह गई है। अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि जैसे ही फर्म संचालक अमिताभ सिंह बाहर से आ जाते हैं, सप्लाई किए गए बिल बाउचर की पड़ताल कर यह जानकारी ली जाएगी कि इस फर्म में कितने लाख रुपए की कर चोरी की गई है।