जीएसटी चोरी: एईबी ने जमा कराए 47.38 करोड़ से अधिक कर अपवंचन
सतना | साढ़े तीन साल पहले देश में कथित आर्थिक आजादी के रूप में प्रोटेक्ट की गई कर चोरी प्रूफ जीएसटी में कर चोरों के लिये इतने अधिक छेंद हैं कि उनको भरते भरते ही विभाग की सांस फूल रही है। इस नई व्यवस्था की खामियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि राज्यकर विभाग की एन्टी इवेजन ब्यूरो की टीम जहां भी हाथ डालती है वहीं लाखों-करोड़ों की चोरी पकड़ में आ जाती है।
राज्यकर विभाग के सतना एईबी द्वारा पिछले साढ़े 6 माह में की गई कार्रवाई का ब्यौरा देखें तो टीम ने छापों और वाहनों की जांच में करीब साढ़े 47 करोड़ रुपये विभाग के खजाने में जमा कराये हैं। वैसे तो हर कार्रवाई एक रिकार्ड रही है पर इतनी बड़ी राशि जमा होने के मामले में सतना प्रदेश के 6 एईबी में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। पहले स्थान पर भोपाल और तीसरे नंबर पर इंदौर-ए है। इसके बाद जबलपुर, इंदौर-बी और ग्वालियर एईबी का नंबर आता है।
हर छापे ने बनाये रिकार्ड
डेढ़ दशक पूर्व अस्तित्व में आए एन्टी इवेजन ब्यूरो ने जितनी अधिक राशि पिछले साढ़े 6 माह में जमा कराई है पहले कभी नहीं हुई। पहले यदि 10-15 लाख भी एक कार्रवाई में जमा हो जाएं तो वह प्रदेश में चर्चाओं में रहता था पर जुलाई से लेकर आधी जनवरी के बीच हर कार्रवाई में 50 लाख से ऊपर जमा हुए हैं। अकेले जनवरी 21 में ही दो डीलरों द्वारा 22 करोड़ से अधिक जमा कराये गये हैं।
अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही टीम की गतिविधियां ठप रहीं पर जुलाई से छापों की कार्रवाई शुरू हुई और अब तक टीम ने सिंगरौली से लेकर टीकमगढ़ तक 25 छापे मारे गये और दो डीलरों को नोटिस जारी कर कर अपवंचित राशि जमा करने को कहा। इस प्रकार कुल 27 डीलरों ने इस दौरान 45 करोड़ 75 लाख से अधिक राशि सरेण्डर की है। इसी प्रकार साढ़े 6 माहों में ब्यूरो की टीमों ने 117 ट्रकों की रास्ते में जांच की और कर चोरी पकड़कर राशि जमा कराई।
वाहनों से 1 करोड़ 62 लाख से अधिक राशि जमा हुई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ब्यूरो में संयुक्त आयुक्त ही मुखिया बनते रहे हैं पर 31 अगस्त 2020 में संयुक्त आयुक्त के एन मीणा के सेवानिवृत होने के बाद उपायुक्त या सहायक आयुक्त के पद रिक्त होने क चलते एईबी की कमान राज्यकर अधिकारी सुरेश कुमार साकेत संभाल रहे हैं।
सप्लायर रहे निशाने पर
वैसे तो प्रदेश का राज्यकर विभाग फर्जी तरीके से आईटीसी लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्रिय रहा पर सतना एन्टी इवेजन ब्यूरो टीम ने इस दौरान सरकारी ठेके लेने वालों के साथ ही सरकारी विभागों को सामग्री सप्लाई करने वालों पर ही सर्वाधिक हाथ डाले। खास बात यह रही कि जहां भी कार्रवाई हुई वहां लाखों-करोड़ों के कर अपवंचन मिले। एईबी के 75 फीसदी से अधिक छापे पंचायतों को निर्माण सामग्री सप्लाई करने वाली फर्मों पर पड़े हैं जहां से करोड़ों की कर चोरी तो मिली ही है साथ ही यह भी साबित हुआ कि सरपंच या रोजगार सहायकों से लेकर सफेदपोश किस कदर अपने परिजनों अथवा गरीबों के नाम से जीएसटी फंजीयन लेकर फर्मों का संचालन कर रहे थे और बिना सामग्री की सप्लाई किये पंचायतों को बिल बिक्री कर रहे थे। यह अलग बात है कि इस तरह के मामले सामने आने के बाद पंचायत विभाग के अधिकारी नहीं जागे।
राज्यकर आयुक्त के साथ ही अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन और सतना एईबी के साथियों की टीम भावना ने यह सफलता अर्जित की है। जीएसटी इतनी सफल व्यवस्था है कि सब कुछ पारदर्शी है। कोई कर चोरी कर के बच नहीं सकता।
सुरेश साकेत, प्रभारी एईबी सतना