5 सौ एकड़ से अधिक भूमि पर चल रहे अवैध क्रेशर प्लांट
रीवा | रीवा जिले में दो सैकड़ा से अधिक वैध और अवैध क्रेशर प्लांट लगे हैं। इन प्लांट संचालकों में से अधिकांश ने खेती की जमीन पर बिना डायवर्सन के ही क्रेशर मशीनें लगा दी है। खनिज का भंडारण और गिट्टी का कारोबार धड़ल्ले से चल रही है। डायवर्सन किए बिना ही खेती की जमीनों का दोहन किया जा रहा है। इससे सरकार के खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है। यह अवैध काम सालों से चल रहा है। धड़ल्ले से अवैध क्रेशर डाले जा रहे हैं, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। सिर्फ बैजनाथ में ही नजर डाले तो कई लैंडलार्ड ने कई एकड़ जमीनों का उपयोग बदल दिया है।
ताज्जुब तो यह है कि इसके बदले सरकार को एक फूटी कौड़ी नहीं मिली। अब सरकार ने खनिज माफियाआें के खिलाफ अभियान चलाया है तो इन पर भी डंडा चलना तय माना जा रहा है। बैजनाथ, बनकुईयां, दादर, सोनौरी आदि क्षेत्रों की करीब 500 एकड़ से अधिक जमीन का अवैध तरीके से उपयोग हो रहा है। इन जमीनों पर पहले जंगल था, फिर किसानी के उपयोग में लिया गया। अब इसे खनिज माफियाओं ने क्रेशर प्लांट और खदान लगाने में तब्दील कर दिया दिया है। जमीन के उपयोग बदलने के बाद भी इसका डायवर्सन शुल्क अदा नहीं किया गया। करोड़ों रुपए क्रशर प्लांट संचालकों ने दबा रखा है।
लीज और स्टॉक लायसेंस का पता नहीं
गांव वालों का कहना है कि यहां अधिकांश क्रेशर अवैध हंै। लीज और स्टॉक तक का लाइसेंस नहीं है। फिर भी धड़ल्ले से क्रेशर चल रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारी सिर्फ महीने में ही आते हैं। जांच की खानापूर्ति करते हैं। लोगों की माने तो यहां क्रेशर संचालकों में किसी तरह का प्रशासनिक डर नहीं है। रीवा जिले में दो सैकड़ा से अधिक वैध और अवैध क्रेशर प्लांट लगे हैं। इन प्लांट संचालकों में से अधिकांश ने खेती की जमीन पर बिना डायवर्सन के ही क्रेशर मशीनें लगा दी है।
खनिज का भंडारण और गिट्टी का कारोबार धड़ल्ले से चल रही है। डायवर्सन किए बिना ही खेती की जमीनों का दोहन किया जा रहा है। इससे सरकार के खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है। यह अवैध काम सालों से चल रहा है। धड़ल्ले से अवैध क्रेशर डाले जा रहे हैं, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। सिर्फ बैजनाथ में ही नजर डाले तो कई लैंडलार्ड ने कई एकड़ जमीनों का उपयोग बदल दिया है। ताज्जुब तो यह है कि इसके बदले सरकार को एक फूटी कौड़ी नहीं मिली।