नप सिरमौर की ऑडिट में मिली लाखों की वित्तीय अनियमितता

रीवा | नगर परिषद सिरमौर में गत वर्ष क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा आॅडिटिंग की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक नगर परिषद सिरमौर द्वारा अर्थ वर्ष 2019-20 में घोर वित्तीय अनियमितताएं किया जाना बताया गया है। विभागीय कर्मचारियों द्वारा बैंक समाधान वितरण पत्रक नहीं तैयार किया जाता है। बैंक से मिली ब्याज की राशि लेखापाल कैशबुक में जमा नहीं की जाती है। इसी के साथ विकास उपकर, निकायों से प्राप्त किराया भी कैश बुक में नहीं दर्शाया जाता है।

गौरतलब है कि सिरमौर नगर परिषद के 12 बैंकों में अवशेष राशि और लेखापाल कैशबुक के अनुसार शेष राशि में 79 लाख 62 हजार 634 रुपए का अंतर है। वहीं इसके अलावा ऐसी कई अनियमितताएं हैं जो अर्थवर्ष 2019-20 में पदस्थ अधिकारियों के लिए मुसीबत बन सकती हैं। बता दें कि अर्थवर्ष 2019-20 में नगर परिषद सिरमौर के सीईओ दयाराम मिश्रा 1 अप्रैल 2019 से 26 अक्टूबर 2019 तक रहे हैं। वहीं धु्रव सिंह 11 नवंबर 2019 से 25 नवंबर 2019 तक सीईओ का प्रभार संभाले हैं। 25 नवंबर 2019 से 25 दिसंबर 2019 तक दयाराम मिश्रा सीईओ रहे हैं जबकि कृपाशंकर मिश्रा 1 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2020 तक सीईओ का पदभार संभाले थे। वहीं 1 अप्रैल 2019 से 3 जनवरी 2020 तक शांति चौरसिया अध्यक्ष रही हैं। जबकि 4 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2020 तक संजीव पाण्डेय प्रशासक का पदभार संभाले थे।

क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा की रिपोर्ट में यह पाया गया कि संस्था द्वारा नियमानुसार बैंक समाधान वितरण पत्रक तैयार नहीं किया जाता है। जबकि लेखापाल कैशबुक एवं बैंक स्टेटमेंट में भारी अंतर भी है। यही नहीं लेखापाल कैशबुक में व्यय प्रमाणकों को अंकित करते वक्त कई काट छांट कर प्रमाणकों को बार-बार बटे नंबर में अंकित किया गया है और व्यय प्रमाणकों की प्रविष्टि की गई है जो कि लेखा नियमों के विपरीत है। गौरतलब है कि नगर पालिक लेखा नियम 2018 के नियम 6 के अनुसार कैशबुक एवं बैंक पासबुकों का हर महीने मिलान होना चाहिए। इसके अलावा आय-व्यय का वर्ष के अंतिम दिन तक वार्षिक लेखा प्रारूप 116 तैयार नहीं किया गया है। जबकि वर्ष मद के आय-व्यय का मदवार विवरण एवं समीक्षा करके लेखा तैयार करने का प्रावधान है।

65 हजार लेखापाल कैशबुक में दर्ज नहीं
संपरीक्षित वर्ष 2019-20 के लेखापाल कैशबुक एवं बैंक स्टेटमेंट के मिलान पर यह पाया गया था कि बैंक खातों में समय-समय पर प्राप्त ब्याज की राशि लेखापाल कैशबुक आय पक्ष में नहीं दर्ज की गई है। बता दें कि 7 जून 2019 की स्थिति में पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार 633, यूनियन बैंक में 4 अप्रैल 2019 में 1634 और 6 जुलाई 2019 में 1353, यूनियन बैंक के दूसरे खाते से 13 हजार 911 और 10279 एवं केनरा बैंक के खाते में 11 नवम्बर 2019 की स्थिति में 26 हजार 604 रुपए का ब्याज मिला है। जो लेखापाल कैशबुक में प्रविष्ट नहीं किया गया।

ठेकेदारों को कर दिया अधिक भुगतान
रिपोर्ट में यह पाया गया कि सिरमौर नगर परिषद द्वारा शासकीय विद्यालय के शौचालय में टाइल्स लगवाने के लिए 94 हजार 400 रुपए का भुगतान किया गया। इतना ही नहीं संस्था द्वारा प्रादेय आदेश क्रमांक 701/08.05.19 में कजारिया कंपनी को टाइल्स प्रदान करना बताया गया है। जबकि परिषद ने टेण्डर शौर्य ट्रेडर्स को दे दिया था। इतना ही नहीं नगर परिषद ने ठेकेदार को 84 हजार 960 रुपए का अधिक भुगतान भी कर दिया। जिसकी वसूली के निर्देश स्थानीय निधि संपरीक्षा संयुक्त संचालक ने दिए हैं।

विकास उपकर की राशि कोष में जमा नहीं की
निकाय के अर्थवर्ष 2019-20 के लेखाओं के परीक्षण में यह पाया गया कि नगरीय विकास उपकर वर्ष 2019-20 में 59 हजार 110 रुपए की वसूली की गई। मगर शासकीय अंशदान 40 प्रतिशत की राशि 23 हजार 664 शासकीय कोष में जमा नहीं किया गया। जबकि नगरीय विकास उपकर संग्रहण नियम 2007 के नियम 6 के अनुसार संग्रहित उपकर की राशि का 40 प्रतिशत लेखा शेष कृषि भूमि से भिन्न अचल संपत्ति पर टैक्स 800 आय प्राप्तियां विकास उपकर में जमा कराई जानी चाहिए।