बिजली। ऊर्जा मंत्री ने जेई को हटाने एमडी को लिखा पत्र
सतना। पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के सतना सर्किल में पदस्थ अधिकारियों द्वारा की जा रही अनियमितता से उपभोक्ता ही नहीं सूबे के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह भी आजिज आ चुके है। मंगलवार को आए पत्र ने सर्किल में हड़कंप मचा दिया। लिहाजा इनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए कंपनी के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर मौजूदा कुर्सी से ओएण्डएम के आरईएस-2 के डीसी प्रभारी जेई सुबोध सिंह को हटाने के निर्देश दिए हैं।
एक लाइन मैन पर भी कार्रवाई के दिए निर्देश
मंत्री के पत्र से हरकत में आए एमडी ने एसई सतना को पत्राचार कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने एक लाइन मैन के विरूद्ध भी एक्शन लेने एमडी को लिखा है। जिसके बाद सीजीएम एचआरए ने अधीक्षण अभियंता को शिकायत के साथ ऊर्जा मंत्री का पत्र व कार्रवाई के निर्देश शक्तिभवन से दिए हैं।क्या है मंत्री का पत्र
सुबोध सिंह को उक्त डीसी से हटाकर दूसरी जगह पर पदस्थ करने के साथ जेई के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने एमडी वी किरण गोपाल को पत्र लिखा है। मंत्री सिंह ने एमडी को निर्देश दिए हैं कि कार्रवाई के बाद ऊर्जा मंत्री कार्यालय को अवगत कराना है कि आखिर जेई सुबोध सिंह के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। जेई के अलावा अमरपाटन बितरण केंद्र में पदस्थ लाइनमैन प्रेमलाल रजक के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए उसी पत्र में उल्लेख किया गया है। गौरतलब है कि युवा कांगे्रस के रामपुर विधानसभा अध्यक्ष सुनील द्विवेदी ने मंत्री प्रियव्रत सिंह जेई व लाइन मैन महुडर मौहारी के खिलाफ कार्रवाई करने शिकायत की थी।
सीजीएम ने कहा मंत्री को देना है जवाब
ऊर्जा मंत्री के पत्र के बाद सीजीएम एचआरए ने सतना एसई को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उक्त मामले में एसई जीके द्विवेदी को सात दिनों का समय दिया गया है। सीजीएम ने एसई को पत्राचार में कहा कि उक्त मामले में उचित कार्रवाई अनिवार्य है क्योकि प्रकरण में क्या हुआ जवाब ऊर्जा मंत्री को देना है। पत्र मंगलवार को ही सतना आया है। लिहाजा प्रकरण में अपडेट नहीं हो सका है।
पोस्टिंग के साथ ही जेई विवादित
कंपनी सूत्रों की माने तो सतना आरईएस-2 में जेई प्रशांत खरे के बाद सुबोध सिंह की पोस्ंिटग की गई और पदस्थापना के बाद से ही सुबोध विवादों में घिर गए। कभी सिटी डिवीजन में बिजली चोरी का फर्जी पंचनामा बनाना तो कभी डीसी कार्यालय के अंदर संग्राम करना, आउटसोर्स के कर्मचारी को लात घूसों से मारना। ऐसे कई मामलों में जेई विवादित रह चुके हैं। बीते दिनों जेई की शिकायत करने कुछ ग्रामीण भी शपथ पत्र लेकर आए थे और हटाने की मांग की थी। किसानों को बिजली चोरी में फंसाने के आरोप भी जेई के खिलाफ हैं। अब ऊर्जा मंत्री के पत्र में डीसी प्रभारी के खिलाफ अनियमितता करने व उपभोक्ताओं को परेशान करने के आरोप है।
ऊर्जा मंत्री का पत्र कंपनी के सीजीएम एचआरए के माध्यम से आया है। जेई के उपर जो भी आरोप है उनकी जांच की जाएगी। जांच में जो आएगा उसके अनुसार कार्रवाई होगी।
जीके द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता