दक्षता परीक्षा: स्कूल में बच्चें को जो पढ़ाते हैं वह खुद फेल हो गए

रीवा | गत दिनों आयोजित शिक्षकों की दक्षता आंकलन परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है जो चौंकाने वाला है। विडम्बना की बात यह है कि जो शिक्षक सालों से अपने छात्रों को पढ़ाते आए हैं वह खुद उसी विषय की परीक्षा में फेल हो रहे हैं। जबकि उनके सामने उसी विषय की किताब खोलकर परीक्षा देने का अवसर दिया गया था। बावजूद इसके वह पास नहीं हो पाए। अब ऐसे शिक्षकों को दो महीने तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद दोबारा फेल हुए शिक्षकों की परीक्षा होगी और उसमें भी अगर प्रदर्शन खराब रहा तो नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।

30 फीसदी शिक्षक फेल
दक्षता परीक्षा में शिक्षकों को सौ में से सिर्फ 50 नम्बर लाकर क्वालीफाई अंक प्राप्त करने थे। 30 प्रतिशत शिक्षक किताब खोलकर परीक्षा देने के बाद भी फेल हो गए। इससे अच्छा रिजल्ट तो गत वर्ष दसवीं और बारहवीं के छात्रों का था और उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक खुद ही अनुत्तीर्ण हो रहे हैं। पता चला है कि गणित विषय में सर्वाधिक शिक्षक फेल हुए हैं। वहीं अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान यहां तक कि कला विषय के भी शिक्षक पास नहीं हो पाए।

ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 40 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम लाने वाले शिक्षकों के लिए दक्षता परीक्षा का आयोजन किया। जिले के 1102 शिक्षक इस परीक्षा में शामिल हुए। हायर सेकेण्ड्री और हाईस्कूल के शिक्षकों की परीक्षा 3 जनवरी को थी जिनमें से चार गैर हाजिर रहे। वहीं 4 जनवरी को कैचमेंट की माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की परीक्षा थी जिनमें से 39 अनुपस्थित थे। कुल 1059 शिक्षकों ने परीक्षा दी जिनमें से 30 फीसदी पास नहीं हो पाए। 

अब शिक्षकों को पढ़ाया जाएगा
छात्रों को पढ़ाने वाले ही उसी विषय में फेल हो जाएं इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात और कोई नहीं हो सकती। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किस माहौल में पढ़ाई करते हैं उन्हें क्या पढ़ाया जाता है, कैसे पढ़ाया जाता है और कौन पढ़ाता है यह सब दक्षता परीक्षा ने सामने रख दिया है। अब जो शिक्षक फेल हो गए हैं उन्हें पढ़ाने का काम किया जाएगा। लगातार दो महीने तक उनकी ट्रेनिंग चलेगी, उसके बाद परीक्षा होगी। उसमें भी फेल हो गए तो नौकरी हाथ से जाने का खतरा ज्यादा होगा।