जिला आयुर्वेद चिकित्सालय: 12 साल बाद हुई बैठक, बढ़ा दिया दर

प्रमुख बातें

  • जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में अब फ्री में नहीं होगा पंचकर्म
  • ओपीडी में 8 तो आईपीडी शुल्क 15 रुपए की बढ़ोत्तरी
  • 1 फरवरी से लागू होगा नया शुल्क

 

सतना एक लंबे समय के बाद शासकीय जिला आयुर्वेद चिकित्सालय रोगी कल्याण की बैठक हुई। जबसे रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया था, तब से अभीतक की यह तीसरी बैठक है। जिसमें आने वाले दिनों में चिकित्सालय में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए एजेंडे तय किए है। बैठक गुरुवार को कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई। जिसमें 1 फरवरी से ओपीडी शुल्क 2 की जगह 10 रुपए एवं आईपीडी शुल्क 5 रुपए से 20 रुपए करने पर सहमति बनी। पंचकर्म के भी रेट बढ़ाए जाएंगे। बैठक में जिला आयुष अधिकारी रितु द्विवेदी, आरएमओ डॉ. राजेश चतुर्वेदी, डॉ. विनोद प्रजापति, योगेन्द्र तिवारी, अनीश आनंद अहिरवार, प्रभात गौतम एवं रामपाल वर्मा मौजूद रहे।

18 साल में तीसरी बार बैठक
 जिला आयुर्वेद चिकित्सालय रोगी कल्याण समिति का गठन 25 जनवरी 2002 में हुआ था। पहली बैठक जून-2002 में हुई थी, दूसरी 2008 में। इन 18 सालों में ओपीडी व आईपीडी की शुल्क में न तो एक पैसे की वृद्धि की गई और न ही सुविधाओं को बढ़ाने ध्यान दिया गया। 

आयुर्वेद में है असाध्य रोगों का इलाज
असाध्य रोगों से पीड़ित मरीज जब एलोपैथिक दवाइयों का इलाज कराकर थक जाते हैं और उन्हें आराम नहीं मिलता, तो वे आयुर्वेद की तरफ रूख करते हैं। बताया जाता है आयुर्वेद चिकित्सकों की मानें, तो आयुर्वेद में असाध्य रोगों को दूर करने का सटीक इलाज छिपा है। बताया जाता है कि इसमें सबसे बड़ा फायदा तो यह होता हैै कि आयुर्वेदिक औषधियों के कोई साइड इफैक्ट नहीं होते। 

प्रचार-प्रसार न अलग से फंड
आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाले जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में रोगी कल्याण समिति के बजट से सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। बताया जाता है कि न तो विभाग के पास अलग से  बजट आता है और न ही आयुर्वेद को लेकर  प्रचार-प्रसार होता है। 

सबसे मंहगा होगा पंचकर्म 
बताया जाता है कि जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में पंचकर्म जो अभी तक 2 रुपए ओपीडी शुल्क के साथ होता था, अब पंचकर्म की अलग-अलग विधा के लिए अलग-अलग शुल्क तय किए गए हैं, जिसमें शिरोधरा, शिरोबस्ती, कराने के लिए 7 दिन के पैकेज में 600 रुपए शुल्क लिया जाएगा और 15 दिन का पैकेज 1100 रुपए में होगा। शिरोधरा 500, कटिबस्ती 300 रुपए में की जाएगी। बाकी विधाओं का शुल्क 10, 20 व 50 रुपए निर्धारित किया गया हैं।