दिग्विजय, भूरिया नहीं जीत पाए आखिरी चुनाव

दिग्विजय, भूरिया नहीं जीत पाए आखिरी चुनाव
भोपाल। कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं कांतिलाल भूरिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव मैदान में उतारते ही साफ कर दिया था कि यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा। दोनों नेताओं को संभवतः उम्मीद रही थी कि सहानुभूति का वोट उन्हें मिल जाएगा, मगर चुनाव परिणाम ने दिखा दिया कि दोनों ही नेताओं के क्षेत्र में सहानुभूति लहर नजर नहीं आई। मतदाता ने दोनों ही स्थानों पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया।
कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया के दौरान वरिश्ठ नेताओं को मैदान में उतारते हुए रतलाम-झाबुआ से कांतिलाल भूरिया और राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया था। हालांकि दोनों नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे, मगर पार्टी के निर्देश पर मन मारकर चुनाव मैदान में उतरे। जब वे मैदान में उतरे तो दोनों ने जनता के बीच साफ कर दिया था कि बढ़ती उम्र को देखते हुए यह चुनाव उनका आखिरी चुनाव है। इसका असर भी दिखा। दोनों नेताओं को उम्मीद थी कि उनकी इस घोश्णा से उनके पक्ष में मतदाता की सहानुभूति नजर आएगी। इसी उम्मीद से पूरे समय चुनाव प्रचार में जुटे रहे। मगर आज जब परिणाम आए तो दोनों नेताओं की अपील को वहां के मतदाता ने नकार दिया। दोनों नेताओं को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।