क्राइम मीटिंग: 40 पुराने प्रकरणों को सुलझाने थाना प्रभारियों को एक माह का अल्टीमेटम

सतना वर्ष 2018-19 के 40 पुराने प्रकरण चिन्हित किए गए हैं। इन प्रकरणों को एक माह के अंदर सुलझाने का अल्टीमेटम पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारियों को दिया है। क्राइम मीटिंग में थानावार अपराधो की समीक्षा कर बेहतर काम करने वाले थाना प्रभारियों को पुरस्कृत किया गया है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने बताया कि शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में जिले के समस्त थाना प्रभारियों की क्राइम मीटिंग ली गई।

क्राइम मीटिंग में पुलिस अधीक्षक ने थानावार की अपराधों की समीक्षा 

थानावार वर्ष 2018-19 के अपराधों की समीक्षा कर 40 पुराने प्रकरणों को चिन्हित किया गया है। इनमें वाहन चोरी, मर्ग, धोखाधड़ी के मामले हैं। इन प्रकरणों को थानावार सुलझाने के लिए संबंधित थाना प्रभारियों को एक माह का वक्त दिया गया है। अगर थाना प्रभारियों के द्वारा प्रकरण के अनुसंधान में लापरवाही बरती गई तो उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधीक्षक श्री इकबाल ने बताया कि क्राइम मीटिंग में वर्ष 2019 के अपराधों की समीक्षा की गई। बेहतर काम करने पर कोलगवां, अमरपाटन, मैहर, उचेहरा, नागौद के थाना प्रभारियों को पुरस्कृत किया गया है। अपेक्षाकृत बेहतर काम न करने वाले थाना प्रभारियों को कामकाज में कसावट लाने की नसीहत दी गई है। क्राइम मीटिंग में पुलिस अधीक्षक के अलावा जिले के समस्त एसडीओपी व थाना प्रभारी उपस्थित रहे।

टर्न आउट पर जताई नाराजगी 

क्राइम मीटिंग में पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के टर्न आउट पर नाराजगी जाहिर की। पुलिस अधीक्षक ने दो टूक लहजे में कहा कि ड्यूटी के दौरान पुलिस अधिकारी- कर्मचारी सेविंग नही कराते, बाल नही कटवाते, वर्दी सही नही पहनते, वर्दी के साथ नियमानुसार जूता नही पहनते। यह पुलिस रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन है। यह मनमानी नही चलेगी। अगर किसी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को धार्मिक और मेडिकल आधार पर दाड़ी रखने और बाल न कटवाने की परेशानी है तो इसके लिए उसे संबंधित एसडीओपी से निश्चित समयावधि के लिए अनुमति लेनी होगी।

नशे पर जीरो टालरेंस 
क्राइम मीटिंग में पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अब साइबर क्राइम पर प्रभावी कार्रवाई के साथ ही नशे पर जीरो टालरेंस के तहत काम करना होगा। साइबर क्राइम को सुलझाने के लिए पुलिस की एक टीम लगी हुई है। गांजा, शराब के अलावा मेडिकल नशा की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाने के लिए थाना प्रभारी कार्रवाई करें। अगर नशे के कारोबार में निचले स्तर के पुलिस कर्मियों की लापरवाही और संलिप्तता पाई जाएगी तो इसका जिम्मेदार थाना प्रभारियों को माना जाएगा। लिहाजा जीरो टालरेंस की नीति अपनाते हुए नशे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कड़ाई से कार्रवाई करें।