कोरोना का कहर: भोपाल में 6 दिन का कोरोना कर्फ्यू शुरू
भोपाल | प्रदेश में 24 घंटे में 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। भोपाल में ये आंकड़ा 824 पहुंच गया है। इसके बाद सरकार ने भोपाल में सोमवार रात 9 बजे से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगा दिया है। इसके तहत कुछ रियायतें भी दी जाएंगी। भोपाल में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए कोरोना कर्फ्यू लागू करने का निर्णय लिया गया है। अब 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाया जाएगा।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने यह जानकारी दी। क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। आज रात नौ बजे से यह कर्फ्यू प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने बताया कि रोजमर्रा के चीजों की गतिविधियां चालू रहेंगी। इसमें अन्य राज्यों और जिलों में माल तथा सेवाओं का आवागमन, अस्पताल, नर्सिंग होम, मेडिकल, स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं, केमिस्ट, किराना दुकान, होम डिलीवरी, पेट्रोल पंप, एटीएम, बैंक, दूध और सब्जी की दुकानों को छूट रहेगी।
सबसे ज्यादा मामले कोलार से सामने आ रहे हैं जहां 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक सबकुछ बंद है। इससे पहले सोमवार को शेष शहर में दो दिन का लॉकडाउन खत्म हुआ तो लोग कोलार रोड से निकले। यहां सुबह करीब 9 बजे सर्वधर्म पुल के पास दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। इधर गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल समेत प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने इस दौरान कोरोना की ड्यूटी छोड़कर सभी अत्यावश्यक सेवाएं बंद करने का ऐलान भी किया है। एसोसिएशन ने कहा है कि इसके बाद भी सरकार ने मांगे नहीं मानी तो तीन दिन बाद कोविड सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी। ऐसे में मरीजों की फजीहत होना तय है।
अगले तीन दिन में रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट समाप्त
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अगले दो-तीन दिन में रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट समाप्त हो जाएगा। प्रदेश में आॅक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है, प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही आॅक्सीजन कंसंट्रेटर क्रय के निर्देश दे दिए गए हैं, शीघ्र ही दो हजार कंसंट्रेटर की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री चौहान स्मार्ट पार्क में पौधारोपण के उपरांत मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। आकस्मिक व्यवस्था के उद्देश्य से आॅक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन परिस्थिति का समाधान नहीं है। लॉकडाउन से बेहतर तो है कि यदि चेहरा लॉक हो जाए हम मुंह पर मास्क लगा लें और पैर भी लॉक हो जाएं अर्थात हम घर से अनावश्यक ना निकलें तो लॉक डाउन की स्थिति ही निर्मित नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अपील की कि सभी लोग मास्क लगाने, आवश्यक दूरी बनाए रखने तथा अनावश्यक भीड़ न लगाने जैसी सावधानियों का पालन करें।
संक्रमण रोकने में प्रभावी होगा जनता कर्फ्यू
जिलों के आपदा प्रबंधन समूह अपने स्तर पर जनता कर्फ्यू लगाने का निर्णय ले रहे हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि जनता स्वयं कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए गंभीर है। स्थानीय स्तर पर आपसी सहमति से लगाया गया जनता कर्फ्यू और आवागमन तथा बाजार संचालन पर प्रतिबंध संक्रमण रोकने में अधिक प्रभावी होंगे।
दवा व आवश्यक उपकरण की कमी नहीं होगी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए मंत्रियों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री, जिला प्रशासन, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं से मिलकर इस संकट से निपटने के लिए मैदानी स्तर पर कार्य करेंगे। राज्य सरकार अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और कोविड केयर सेंटर स्थापित करने की दिशा में निरंतर सक्रिय है। कहीं पर भी दवा व आवश्यक उपकरणों की कमी नहीं होने दी जाएगी। निजी अस्पतालों का भी सहयोग लिया जा रहा है।
मप्र में पहली बार एक ही दिन में आए 6489 मामले, 37 की मौत
मध्यप्रदेश में 24 घंटे में 6 हजार 489 संक्रमित मिले हैं। वहीं 37 लोगों की कोरोना से मौत हो गई है। प्रदेश की संक्रमण दर पहली बार 16% पहुंच गई। यानी हर छठे नमूने की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। भोपाल में भाजपा प्रदेश कार्यालय में पूर्व संगठन मंत्री माखन सिंह के अलावा 6 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसको देखते हुए कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा ने अगले 10 दिन तक के लिए प्रदेश कार्यालय में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। सीहोर जिले में सलकनपुर में मां बीजासन देवी धाम को 21 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। चैत्र नवरात्र पर भी भक्त दर्शन नहीं कर पाएंगे।
एक दिन में इंदौर में रिकॉर्ड 923 केस आए हैं। भोपाल में 824, ग्वालियर में 497 और जबलपुर में 469 संक्रमित पाए गए हैं। राज्य में सबसे ज्यादा 45 मौतें 23 सितंबर 2020 को हुई थी। कल 11 अप्रैल को 24 घंटे में 37 मौतें हुई हैं। अब सरकार के सामने सामुदायिक संक्रमण तोड़ना बड़ी चुनौती है।
तीन दिन में फेफड़ों को 50-70% संक्रमित कर रहा कोरोना
देश में कोरोना के मामले रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 1,68,912 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। साथ ही संक्रमण की फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी लहर यानी कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन 2-3 दिन में ही फेफड़ों को 50-70% संक्रमित कर देता है। वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत दो घंटे से कम की अवधि वाली घरेलू हवाई यात्रा के दौरान भोजन की अनुमति नहीं होगी। इधर कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी के इस्तेमाल लिए सोमवार को एक्सपर्ट कमेटी की एक बैठक हुई। सूत्रों के हवाले से अब जानकारी आ रही है कि स्पूतनिक-वी वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट पर कोरोना के कहर के चलते 50 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी संक्रमित होने पर घर से चलेगी अदालत।
इंदौर: लॉकडाउन के बावजूद सबसे ज्यादा केस आए, मौतें भी सबसे ज्यादा
24 घंटे में छह नई मौतों के साथ इंदौर राज्य का पहला शहर बन गया है जहां पूरे कोरोना काल में 1005 मौतें हो गई हैं। यहां 19 अप्रैल की सुबह तक कोरोना कर्फ्यू/लॉकडाउन चल रहा है। हालात कोरोनाकाल की पहली लहर के पीक टाइम सितंबर से भी खराब हो गए हैं। यहां लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश में सर्वाधिक केस सामने आ रहे हैं। मौतें भी सबसे ज्यादा हुई हैं। यहां 11 अप्रैल की रात गुर्जर अस्पताल में आॅक्सीजन खत्म होने पर परिजन ने जमकर हंगामा हुआ, इस बीच एक मरीज ने दम तोड़ दिया।