संभाग में जमा हुआ 1137 करोड़ जीएसटी
सतना | वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 5 दिन की दूरी के बीच राजस्व प्राप्ति के आंकड़े को लक्ष्य के नजदीक ले जाने में राज्यकर विभाग के अधिकारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है। हालत यह है कि कार्यालय तो कार्यालय घर परिवार के बीच रहने के बाद भी अधिकारी इसके लिये प्रयासरत हैं। विभाग के सतना संभाग के चारों जिलों के डीलरों ने वित्तीय वर्ष के लगभग 9 महीनें कोरोना के चलते व्यापार में भारी नुकसान उठाने के बाद भी विभाग के राजस्व को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यही कारण है कि अब तक विभाग के खजाने में 11 अरब 37 करोड़ के करीब जमा हो चुके हैं लेकिन इतना होने के बाद भी अभी लक्ष्य से डेढ़ अरब के करीब की दूरी है। संभावना है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन तक लक्ष्य के करीब यह आंकड़ा पहुंच जाएगा। वैसे अभी कई किंतु परंतु भी हैं यदि उन सबका हिसाब किया जाए तो जमा राशि लक्ष्य से भी आगे निकल जाएगी।
75 फीसदी राजस्व बड़े सेक्टर से
वैसे तो छोटे-बड़े हर ट्रेडों की सरकार का खजाना भरने में बड़ी भूमिका होती है पर विभाग की नजरों में असली ‘भामाशाह’ कोल माइंस, सीमेंट, शराब और पेट्रोलियम जैसे सेक्टर ही होते हैं। इन सेक्टरों की इकाइयों में जितना अधिक उत्पादन होगा सरकार का खजाना उतना ही अधिक खुशहाल होगा। सतना संभाग में भी एनसीएल व सीमेंट प्लाटों जैसे कई बड़े सेक्टरों की उत्पादन इकाइयां हैं और कोरोना के असर से वे भी कम प्रभावित नहीं रही हैं। इसका बुरा प्रभाव भी विभाग के राजस्व पर पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि विभाग को मिलने वाला 40 फीसदी राजस्व अकेले कोल माइंस सेक्टर से मिलता है। यदि अन्य बड़े सेक्टरों को जोड़कर देखें तो यह हिस्सा 40 से बढ़कर 75 फीसदी होता है। शेष 25 प्रतिशत में अन्य सारे डीलरों द्वारा दिया जाने वाला राजस्व आता है। यही कारण है कि विभाग का जोर इन बड़े डीलरों से रिटर्न जमा कराने पर होता है।
बैढ़न पहले और सतना-1 दूसरे स्थान पर
राज्यकर विभाग को जो कर मिलता है वह जीएसटीआर-थ्रीबी के जरिये जमा होता है और फरवरी माह के राजस्व जमा करने की आखिरी तारीख ही 22 मार्च थी । बहरहाल अब तक संभाग को जो टोटल जीएसटी मिला है वह लगभग 11 अरब 37 करोड़ रुपये है। इसमें 5 अरब 69 करोड़ रुपये के साथ बैढ़न सर्किल पहले स्थान पर है। 2 अरब 7 करोड़ जमा कराने के साथ ही सतना सर्किल एक ने दूसरा स्थान बनाया है। इनके अलावा 180 करोड़ के साथ रीवा और सतना-2 लगभग बराबर हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन आंकड़ों में अभी आईजीएसटी का 30 करोड़ का सेटलमेंट नहीं जुड़ा। यदि उसे जोड़ दिया जाए तो कुल राजस्व प्राप्ति 11 अरब 67 करोड़ पर पहुंच जाएगी। फिर भी पिछले वित्तीय वर्ष के आंकड़े तक पहुंचने में दूरी रहेगी जिसके 31 मार्च तक पूरा हो जाने की संभावना देखी जा रही है।
सतना संभाग को अब तक 11 अरब 37 करोड़ के करीब राजस्व प्राप्त हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में यह कम दिखता है पर इस साल कोरोना के प्रभाव के बाद इतनी राशि जमा होना बड़ी बात है। अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 5 दिन शेष हैं हम प्रयास कर रहे हैं कि पिछले साल के बराबर लक्ष्य हासिल कर सकें।
रामलिन साहू, प्रभारी संयुक्त
आयुक्त सतना संभाग