किसान अपनी फैक्ट्री लगाकर उपज एमएसपी नहीं एमआरपी पर भी बेच सकता है: कृषि मंत्री

भोपाल | किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के विरोध पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए। उन्होंने कहा कि किसान कानून को लेकर कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। ये लगातार अंबानी-अडानी की रट लगाए बैठे हैं। क्या ये छह साल में पैदा हुए हैं। ये नेहरू जी के समय से हैं। देश में आज 5 लाख लोग हैं जो करोड़पति से ऊपर हैं। बाकी पूरा देश गरीब है। किसान की साल की आय मात्र 7200 रुपए है। मेहनत करता है किसान माल कमाते हैं ये। इनके लिए क्या किसान अब खेती करेगा। अब तक कर लिया, अब नहीं करेंगे। अब हमारे युवा खेती करेंगे, फैक्ट्री लगाकर बिचौलियों को हटाते हुए सीधा निर्यात करेंगे।

यह कानून किसानों के हित में है, इसलिए किसान इसका समर्थन कर रहा है। किसान अब एमएसपी नहीं एमआरपी पर अपना माल बेचेगा। यह बात कृषि मंत्री कमल पटेल ने सोमवार को रेसिडेंसी कोठी पर मीडिया से चर्चा में कही। उन्होंने पंजाब के किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को लेकर कहा कि हमारे यहां पर एमएसपी पर सोसायटी खरीदी करती है। पंजाब में व्यापारी खरीदी करता है। वहां पर पेस्टीसाइड का उपयोग ज्यादा होता है। ऐसे में बिचौलिए रेट गिराकर खरीदी के लिए किसानों को मजबूर करते हैं। इस कानून के बाद वहां के व्यापारी और बड़े खरीदारों की मोनोपॉली खत्म होने वाली है, इसलिए वे किसानों को भड़का रहे हैं।

आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। इसलिए मोदी सरकार ने कृषि कानून में संशोधन किए। जो किसानों को गुमराह कर रहे हैं, उन्हें यही कहना है कि उन्होंने तो 55 सालों में किसानों का भला किया नहीं। मोदी सरकार कर रही है तो अड़ंगे क्यों डाल रहे हो। अभी तक किसान के पास दो विकल्प थे। या तो वह मंडी में बेचे या फिर एमएसपी पर सरकार खरीदे। आजाद भारत के 73 साल बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य मांगना पड़ रहा है, यह भी दुर्भाग्य है। सरकार ने अब एमएसपी नहीं एमआरपी पर बेचने का अधिकार किसानों को दिया है। अब किसान अपना उत्पादन कर खुद निर्यात करेगा। जो बिचौलिए कमाते थे, वह किसान कमाएगा। 

इस कानून के बाद 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी। किसान अब अपनी खुद की फैक्ट्री लगा सकते हैं। उनके खुद के कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग प्लांट होंगे। हमारी सरकार इसके लिए 1 लाख करोड़ का अनुदान देश के अन्नदाताओं को देने जा रही है। हमारी सरकार है। किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं की किसानों के साथ गलत करे। कॉन्ट्रेक्ट खेती को लेकर कहा कि जबरदस्ती नहीं है। फसल खराब होने पर किसानों को बीमा दिया जा रहा है। अब तक 43 हजार किसानों को 8734 रुपए का बीमा दिया गया है।