एमएसपी छह हजार रूपए नहीं तो करेंगे आंदोलन

एमएसपी छह हजार रूपए नहीं तो करेंगे आंदोलन

खराब सोयाबीन फसल का मुआवजा भी दे सरकार
भोपाल। प्रदेश सरकार ने सोयाबीन की खरीदी एमएसपी पर कराने की बात कही है, मगर किसान और कांग्रेस अब भी सरकार की इस घोषणा से नाराज नजर आ रहे हैं। इनकी मांग है कि सोयाबीन फसल सरकार को छह हजार रूपए प्रति क्विंटल की दर से एमएसपी पर खरीदना चाहिए। साथ किसानों की खराब हुई फसल का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए।
प्रदेश में किसान सोयाबीन की फसल को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। इनकी मांग सरकार द्वारा सोयाबीन फसल को छह हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदे थी। मगर सरकार ने आंदोलन को रोकने और किसानों के आक्रोश को ठंडा करने के लिए बुधवार को यह घोषणा कर दी कि सरकार किसानों की सोयाबीन फसल एमएसपी पर खरीदेगी। इसका मूल्य चार हजार आठ सौ बानवे रूपए भी तय किया गया। सरकार की इस घोशणा से किसान संतुश्ट नजर नहीं आ रहे। किसान और किसानों के आंदोलन से जुड़े कांग्रेस नेताओं ने इस दर को उचित नहीं माना। वे अब भी किसानों अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। किसान आंदोलन से जुड़ी कांग्रेस नेत्री गौरी परूलेकर ने कहा कि सरकार ने मात्र 692 ही बढ़ाए हैं। 2023 में सोयाबीन की खरीदी चार हजार तीन सौ रूपए और 2022 में चार हजार दो सौ रूपए पर हुई थी। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह से मात्र किसानों को छह-सौ रूपए बढ़ाकर उसका सोयाबीन खरीदना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान की खराब हुई सोयाबीन फसल का भी सर्वे करा मुआवजा देना चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो किसान एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ेगा।